पिथौरागढ़ : पिथौरागढ़ के डीडीहाट में जंगल माफिया चीड़ के पेड़ों को काटने की फिराक में हैं। माफिया ने चीड़ के हरे पेड़ों को सुखाने के लिए कसरत शुरू कर दी है। स्थ्िाति यह है कि माफिया ने करीब 15-20 पेड़ों के तनों को बाहर से छिल दिया है, जिससे ये धीरे-धीरे सूखने लगेंगे, लेकिन पूरे मामले की जानकारी वन विभाग को नहीं है।
मामला डीडीहाट पॉलीटेक्नी के पास के जंगलों का है। जंगल में चीड़ के मध्यम आकार के पेड़ों के तनों को छिल दिया गया है। ये सभी पेड़ आसपास ही हैं। वन विभाग जंगल में गश्त करने का दावा करता है, लेकिन जिस तरह से यहां पेड़ों को सुखाने का प्रयास किया गया है। उससे लगता नहीं कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी गश्त कर रहे होंगे। इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को इस तर से छिलना वन अधिनयम का खुलेआम मखौल तो है, पर्यावरण को भी भारी नुकसान पंहुचाया जा रहा है। वन विभाग भी किसी योजना के तहत इन पेडों को काटवाना चाह रहा है, तब भी यह गंभीर विषय है। दरअसल, चीड़ के पेड़ संरक्षत प्रजाति की श्रेणी में शामिल हैं। इनको इस तरह से नहीं काटा जा सकता। काटना तो दूर की बात इनको नुकसान पंहुचाने पर भी दंड का प्रावधान किया गया है।
वहीं इस मामले को लेकर पिथौरागढ़ डीएफओ विनय भार्गव ने हैलो उत्तराखंड न्यूज को जानकारी देते हुए बताया कि इस पूरे प्रकरण को लेकर जांच की जा रही है और इसके बाद ही आगे की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।