प्रधानमंत्री कार्यालय तक से गुहार के बाद भी पीएमजीएसवाई के नहीं बदले हालात

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बागेश्वर: ग्रामीण भारत के गांवों को जोड़ने वाली प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना राज्य सरकारों की लापरवाही और विभागीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण अपनी वजूद खोती जा रही है। यहां गरूड तहसील की एक सड़क गोमती नदी में पुल नहीं बनने से  अधर में लटक गई है। हुकमरानों और पीएमओ कार्यालय तक गुहार लगा  चुके गोमती के सिमखेत, रौल्याना के ग्रामीणों को पुल बिहिन सड़क के कारण रोज मौत का सफर करने को मजबूर होना पड़ रहा है। ग्रामीणों की माने तो उन्होंने इस बारे में दो माह पहले प्रधानमंत्री कार्यालय तक को पत्र भी लिखा, लेकिन हालात जस के तस बने है। आश्वशनों के आधार पर जीवन काट रहे ग्रामीणो को रोज अपने बच्चों को लेकर नदी में उतर कर आवाजाही करनी पडती है।

सिमखेत मोटर मार्ग 2008 मे पीएमजीएसवाई के तहत बनी है। बीच मे रौलियाना और सिमखेत को जोड़ने वाला पुल गोमती नदी में अभी तक नहीं बन पाया है। जबकि नदी के दोनों तरफ डामरीकरण का कार्य भी हो चुका है। मामले को लेकर पूर्व प्रधान गोपाल सिंह ने बताया कि जिला स्तर से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक वो इस बारे में गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। वहीं नदी पार कर रहे मजबूर बच्चों का कहना है कि हम लोग तहसील गरूड से 15 कि.मी. गाड़ी से थापली धार आते है। उसके बाद हमें 4 कि.मी. का सफर नदी के रास्ते तय करना पड़ता है।मामले को लेकर जिलाधिकारी का कहना है कि गरूड के गोमती नदी पर अधर में लटके पुल की कार्यवाही गतिशील है। शाशन स्तर को डीपीआर बना कर भेज दी गई है। जल्द ही  टेन्डर कराकर नदी पर पुल बनाने की कार्यवाही कि जायेगी।

वहीँ मामले में पीएमजीएसवाय अधिशाषी अभियंता बागेश्वर का कहना है कि, बीपीआर के डाटा बेस में टेक्निकल समस्या के चलते यह परेशानी हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछली बैठकों में उन्होंने इस समस्या से भी देहरादून व केन्दीय ऑफिस को भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इस तरह की अन्य समस्या और भी जगह पर पेश आ रही हैं, जल्द ही इसका समाधान कर निर्माण कार्य पूरा किया जायेगा।

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