नैनीताल: हाईकोर्ट ने रुड़की के सौलापुर गाड़ा गांव में खुले में गौ मांस को काटकर उसे बिना लाइसेंस बेचने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद कड़ा रुख अपनाते हुए 10 अगस्त को एसएसपी हरिद्वार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट यह बताने को कहा है कि गौ वंस का किस नियम के तहत काटा जा रहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार रुड़की निवासी अलीम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि सौलापुर गाड़ा गांव में कुछ व्यक्तियों को 2014-15 में मीट बेचने के लिए परमिट मिला था, जिसका नवीनीकरण बाद में नहीं किया गया। याचिका में कहा कि यह व्यक्ति अब गोवंश के पशुओं को काट रहे हैं, जिसका रक्त गांव के नालों में बहाया जा रहा है। याचिका में कहा कि इससे गांव में बिमारी फैलने की आशंका बनी है। मामले की शिकायत गांव वालांे ने एसएसपी हरिद्वार से की। एसएसपी ने अपनी जांच में गांव में गाय-बैल का मांस बिकने की पुष्टि भी की है, लेकिन उन्होंने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जिसको लेकर याचिकर्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 10 अगस्त को एसएसपी हरिद्वार को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश देते हुए यह बताने को कहा है कि गौ वंस किस नियम के तहत काटा जा रहा है।