देहरादून: नेशनल रर्बन मिशन के अंतर्गत टिहरी जिले के धनोल्टी, उधमसिंह नगर के जनजातीय क्षेत्र और बागेश्वर के कौसानी का चयन किया गया है। इस सिलसिले में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने क्लस्टर को मॉडल के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। कहा कि गांव वालों की सहभागिता से गांव के क्लस्टर को इस तरह से विकसित किया जाय कि देश-विदेश के पर्यटक वहां जाने के लिए आकर्षित हों। इसके साथ ही गांव वालों की आमदनी बढ़े। पर्यटकों को गांव की परंपरागत झलक मिले। उनके खानपान, पहनावे, रहन-सहन और संस्कृति से रु-ब-रु हों। होम स्टे को बढ़ावा दिया जाय।
शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित नेशनल रर्बन ‘RURBAN’ (Rural Urban) मिशन की बैठक में धनोल्टी के 10 गांव के क्लस्टर में शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराने को अंतिम रूप दिया गया। बताया गया कि थीम के आधार पर सभी गांव का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही उधमसिंह नगर के परंपरागत थारू गांव और कौसानी में एग्री टूरिज्म विकसित करने के निर्देश भी दिए गए। कौसानी के चाय बागान और महात्मा गांधी द्वारा स्थापित अनासक्त आश्रम को भी क्लस्टर में शामिल करने के निर्देश दिए गए। बताया गया कि धनोल्टी के 10 ग्राम पंचायतों का सर्वे कराया गया। गांव वालों के विचार विमर्श से क्लस्टर को अंतिम रूप दिया गया है। वहां की परंपरा और व्यवसाय के अनुसार थीम तय किया गया। डांडा की वैली को संगीत और वाद्ययंत्र के रूप में, कालवन टेगाना गांव एग्रो पर्यटन, धनोल्टी एडवेंचर, नगुरची आभूषण और कला, डुंडा हिमालयी पक्षी, गोथ जड़ी बूटी और मसाले, खनेरी सब्जी और स्थानीय फल, फिडोगी कृषि, नौघर कथा वाचक, बिडकोट स्थानीय नृत्य, दवाली फूल और उनियाल गांव स्वतंत्रता सेनानी गांव के रूप में विकसित किए जाएंगे।