अल्मोडा: वन विभाग के रैस्क्यू सेन्टर में नगर क्षेत्र से पकड कर लाए गए बन्दरों में से कई बन्दरों की संग्धिद परिस्थितियों में मौत हो जाने से वन विभाग में हडकंप मच गया। विभाग ने आनन फानन में बिना पोस्टमार्टम के मृत बन्दरों को रैस्क्यू सेन्टर के पास ही दफना दिया। बता दें कि विगत दिनों नगर में बन्दरों के आतंक से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका ने 64 बन्दरों को पकडवा कर वन विभाग को सौंपा था। जिनका बध्याकरण किया जाना था। जो अभी तक नही किया गया। पिछले कुछ समय से रैस्क्यू सेन्टर में रखे गए बन्दरों की मौत वन विभाग की कार्रवाई की हीला हवाली को दर्शा रही है वर्तमान में रैस्क्यू सेन्टर में करीब 30 ही बन्दर मौजूद है मामला सामने आने पर वन विभाग के अधिकारीयों के हाथ पांव फूल गए। कर्मचारी बन्दरों की मौत के मामले को दबाते हुए वहां से नदारद हो गए। कई घण्टे के बाद वनाधिकारी रैस्क्यू सेन्टर पर पहुचे और उन्होने 5 बन्दरों की मौत की पुष्टी तो की लेकिन बन्दरों की मौत के कारणों से पल्ला झाड लिया। वहीं बन्दरों की मौत से पशु प्रेमियों में रोष व्याप्त है।
वहीं पशु प्रेमियों का कहना है कि नगर पालिका द्वारा 64 बन्दर पकड कर वन विभाग को दिए थे। जिसमें से करीब 30 ही बन्दर वन विभाग के पास है। वन विभाग की लापरवाही के कारण कई बन्दरों की मौत हो गयी है। कहा कि जब विभाग के पास बन्दरों की देख भाल की कोई व्यवस्था नही थी तो बन्दरों को क्यू पकडा गया। जब बन्दरों को पकड लिया था उसी समय बन्दरों को जंगल में छोड देना चाहिए था लेकिन वन विभाग ने ऐसा नही किया। जिस कारण कई बन्दरों की मौत हो गयी है। इसकी शिकायत उच्चाधिकारीयों से की गयी है। उन्होने कहा कि जो लोग बन्दरों की मौत के लिए जिम्मेदार है उनके खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए।
वहीं डीएफओ अल्मोडा वन प्रभाग का कहना है कि नगर पालिका के द्वारा बन्दर पकडों अभियान चलाया गया था। जिसमें उन्होने 50 बन्दर पकड कर वन विभाग को दिए गए थे। वन विभाग ने 15 बन्दरों को जंगल में छोड दिया। और 5 बन्दरों की मौत हो गई है। मौत के कारणों पर उन्होने बताया कि बन्दर पकडते समय कुछ बन्दर घायल हो गए थे वहीं कुछ बन्दरों में दहशत थी जो उनकी मृत्यु का कारण हो सकती है।