रुद्रप्रयाग: ई टन्डरिंग और ठेकेदारी के पंजीकरण में शिथलीकरण के साथ ही पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ठेकेदारों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ठेकेदारों ने ऐलान किया हैं कि उनकी मांगें नहीं मानी गयी तो निविदा और टेन्डरों का बहिष्कार किया जायेगा। साथ ठेकेदारों का कहना है कि 15 सितंबर को रुद्रप्रयाग में लगने वाले मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में अगर उन्हें अलग से समय नहीं दिया जाता है तो कार्यक्रम का विरोध किया जायेगा।
ठेकेदारों का आरोप है कि सरकार बड़े ठेकेदारों के दबाव में छोटे ठेकेदारों को बेरोजगार करने का काम कर रही है जिसे बरदास्त नहीं किया जायेगा। महापंचायत में ठेकेदारों ने साफ किया कि उनकी मांगों पर सरकार गम्भीर नहीं होती है, तो जिले के ठेकेदार शासकीय निविदाओं व टेण्डरों का बहिष्कार करेंगे और मुख्यमंत्री को जनता दरबार में अपनी ताकत का अहसास करवायेंगे।
आपदा प्रभावित जिले में पुर्ननिमाण समेत सभी विकास कार्यों को गति देने में अहम भूमिका रखने वाले ठेकेदारों की सरकार से तनातनी कहीं ना कही जिले के विकास को ही प्रभावित करेगी। अगर समय रहते सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो हजारों की तादात में रोजगार को लेकर ठेकेदार बने बेरोजगारों का यह आन्दोलन सरकार के लिए जरुर नासूर बनेगा।