लंबे समय से बिहार सरकार के जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस की महागठबंधन में चल रहे तनाव ने एक नया रूप ले लिया है। महागठबंधन में बढती दूरियों को पाट न पाने की वजह से ये दूरिय अब खुलकर सामने आ गई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जेडीयू विधायक दल की बैठक खत्म होने के तुरंत बाद ही राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है जिसके बाद बिहार राज्य में सियासी संकट खड़ा हो गया है।
लंबे समय से उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर बिहार की राजनीति में जारी खींचतान आज मुख्यमंत्री के इस्तीफे के बाद अपने चरम पर पहुंच गई।
इस्तीफे के बाद नितीश ने कहा कि उन्होंने लालू के साथ गठबंधन करके राजनैतिक धर्म का निर्वाह किया। हर तरह के सकारात्मक प्रयास किये। लेकिन जिस तरह भ्रष्टाचार के मामले अब सामने आये और जो माहौल बनाया गया, उससे काम करना मुश्किल हो गया था। हमने सबसे बात की कोई रास्ता निकला इसलिए ये कदम उठाना पड़ा।
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ”भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुड़ने के लिए नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत बधाई। सवा सौ करोड़ नागरिक ईमानदारी का स्वागत और समर्थन कर रहे हैं। देश के, विशेष रूप से बिहार के उज्जवल भविष्य के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ एक होकर लड़ना,आज देश और समय की मांग है.”
कई राज्यों में अपना परचम लहराने के बाद बीजेपी पटना में भी सरकार बना सकती है, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति से जहा बीजेपी नए मुकाम कायम कर रही है वही ऐसा लगता है की अमित शाह की गुगली से लालू क्लीन बोल्ड हो गये है।