यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी के पास से पिछले आठ दिनों से जारी भूस्खलन ने तो ओजरी का भूगोल ही बदल दिया है। हाय यह हैं कि इसकी स्थिति केवल कुछ ही दिनों तक की नहीं आंकी जा रही है बल्कि अनुमान लगाया जा रहा है कि यह स्थिति करीब 40 दिनों तक ऐसे ही रहेगी।
बता दें कि पिछले 11 सितंबर से यह पहाड़ी ऐसे ही दरके जा रही है। जिसके आगे यात्री और प्रशासन लाचार साबित हो रहा है। एक तरफ प्रशासन डबहकोट मार्ग से मलबा हटा रहा है वैंसे ही पहाड़ी से मलबा फिर आ जा रहा है।
एसडीएम उत्तरकाशी ने हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए कहा कि आज डीएम ने पहाड़ी का निरिक्षण किया और इस दौरान रूड़की से भी भूवैज्ञानिकों को बुलवाया गया। फिलहाल यात्रियों के लिए वैकल्पिक मार्ग बना दिया गया है। जिससे डबहकोट मार्ग के बजाय औजरी-कुंसाला पैदल मार्ग से आवाजाही करवाई जा रही है और इस वैकल्पिक मार्ग नाकोरी से जानकी चट्टी तक निकलेगा जिससे गंगोत्री से लेकर यमुनोत्री तक करीब 55 किलोमीटर का रास्ता सरल पड़ेगा। वहीं एसडीएम ने कहा कि पहाड़ी की स्थिति को देख अंदाजा लगाया जा रहा है कि पहाड़ी और भी दरक सकती है।
जिस प्रकार पिछले 8 दिनों से यहाँ के हालात बने हुए हैं उस प्रकार एक तरफ तो यात्रियों को इससे खासा दिक्कतों का सामना तो करना ही पड़ रहा है, लेकिन कहीं न कहीं इसका सीधा असर यहाँ के स्थानीय लोगों पर भी देखने को मिल रहा है। जिसके लिए प्रशासन के लिए यात्रियों को सुरक्षित और यात्रा को पूर्ण करने की जिम्मेदारी है वहीँ स्थानियों की समस्याओं को हल करना भी शासन-प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है ।
गौरतलब है कि एनएच-94 डबरकोट में मार्ग पर पिछले आठ दिनों से लगातार भूस्खलन जारी है। जिससे मार्ग पर लगातार मलबा आने से मार्ग बाधित है।