रुद्रप्रयाग: केन्द्र सरकार की नमामि गंगे योजना पर किस तरह से पलीता लगाया जा रहा है, यह हम आज आप को बता रहे हैं। एक ओर पूरा देश मंगलबार को विश्व पर्यावरण दिवस मनायेगा, वहीं जनपद के दक्षिणी जखोली रेंज की रतनपुर बीट में अधिकारियों ने योजना के तहत बोर्ड तो टांग दिये, लेकिन विकास के धन को भी डकार गये और धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ।
दरअसल वर्ष 2017-18 में लाखों रुपये से रतनपुर बीट में वनीकरण, चैक डैम निमार्ण व दीवार बंदी की जानी थी। कागजों में तो सब कुछ हुआ, लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। यहां पर योजना के तहत साढे छह हैक्टेयर में आंवला, कचनार, बांस, करौंदा, बेर व बेल के पांच हजार पौधों का रोपण किया जाना था, लेकिन हकीकत में यहां पांच पौधों का भी रोपण नहीं है। साथ ही करीब 730 मीटर दीवार का निमार्ण किया जाना था, लेकिन यहाँ लोक निमार्ण विभाग द्वारा सडक किनारे लगाई गयी टूटी दीवारें ही आज भी मौजूद हैं। यही नहीं यहां पर गदेरे में करीब पांच चैक डेैम बनााये जाने प्रस्तावित थे, जो कि धरातल पर एक भी नहीं है। ऐसे में साफ है कि, कहीं-ना-कहीं विकास के नाम पर अधिकारी दूर-दराज के क्षेत्रों में धन की बंदरबांट कर रहे हैं और सरकारी धन को अपनी तिजोरियों में भर रहे हैं।
ऐसे में किस तरह से विश्व पर्यावरण दिवस पर ऐसे अधिकारी पर्यावरण को बचाने की शपथ लेेंगे, इसका जवाब शायद इन अधिकारियों के पास भी नहीं होगा।