देहरादून: मुम्बई में आयोजित ’’ग्लोबल एग्जीबिशन आॅन सर्विसेज’’ के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के पवेलियन में विख्यात फिल्म निर्माता/निर्देशक रमेश सिप्पी को आमंत्रित किया गया। सचिव सूचना/महानिदेशक डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय तथा उप निदेशक सूचना के.एस.चौहान द्वारा उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग की सम्भावनाओं के संबंध में फिल्म निर्माता/निर्देशक सिप्पी के साथ विस्तृत चर्चा की गई।
सिप्पी ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग की अपार संभावनाएं है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में फिल्मों की शूटिंग करने हेतु गत 2 वर्षों से बहुत अच्छा माहौल बना है। उसी के कारण इस बार ज्यूरी द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के अन्तर्गत सर्वोत्तम फिल्म अनुकूल प्रदेश का पुरस्कार प्रदान किया गया है। उन्होंने सुझाव दिये कि उत्तराखण्ड में फिल्म निर्माताओं को समय-समय पर आमंत्रित किया जाय तथा छोटे-छोटे फिल्म फेस्टिवल आयोजित किये जाय। इसके साथ ही शूटिंग के लिये नये डेस्टीनेशन चिन्हित किये जाए। उन्होंने कहा कि फिल्मों में प्रयोग होने वाले कैमरे इंस्ट्रूमेन्ट, टैक्निशियन, लाईटमैन के साथ ही अन्य आर्टिस्ट यदि उत्तराखण्ड में ही फिल्म निर्माताओं को प्राप्त हो जाते है, तो यह बहुत ही उपयोगी होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि नये शूटिंग लोकेशन चिन्ह्ति कर वहां पर विभिन्न प्रकार की आवश्यक सुविधाओं को विकसित किया जाए। उन्होंने एक सुझाव यह भी दिया कि अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माताओं को भी उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिये आमंत्रित करने हेतु प्रयास किये जाए, जिससे कि उत्तराखण्ड राज्य की नैसर्गिक खुबसूरती को विश्व स्तर पर भी प्रचारित किया जा सकें।
सचिव/महानिदेशक सूचना डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय ने सिप्पी को अवगत कराया कि गत एक वर्ष में उत्तराखण्ड में बडे फिल्म निर्माताओं की फिल्में शूट की गई है। एक वर्ष में लगभग 50 से अधिक फिल्मों/धारावाहिकों की शूटिंग उत्तराखण्ड में की गई। डाॅ.पाण्डेय ने अवगत कराया कि उत्तराखण्ड की फिल्म नीति में सरकार परिवर्तन कर रही है। जिसके लिये फिल्म निर्माता/निर्देशको के सुझाव महत्वपूर्ण है। डाॅ.पाण्डेय ने विस्तृत सुझाव देने के लिये ’’राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार’’ की चयन समिति के सदस्यों को उत्तराखण्ड में बैठक के लिये आमंत्रित किया है। रमेश सिप्पी ने जून के प्रथम सप्ताह में पूरे बोर्ड के सदस्यों की देहरादून में बैठक के लिए अपनी सहमति व्यक्त की। ज्ञातव्य है कि रमेश सिप्पी राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समिति के सदस्य हैं।
डाॅ. पाण्डेय ने बताया कि वर्ष 2015 से अब तक लगभग 100 से अधिक फिल्म निर्माताओं द्वारा फीचर फिल्म, टी.वी.सीरियल, डाक्यूमेंट्री, वीडियो एलबम आदि की शूटिंग राज्य में की गई है, जिन्हें उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद द्वारा सिंगल विडों के माध्यम से 7 दिन से भी कम समय के भीतर शूटिंग हेतु अनुमति प्रदान की गई है। इनमें कई बड़े बैनरों की भी कई फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में की गई है। जिसमें अजय देवगन प्रोडक्शन द्वारा निर्मित हिन्दी फिल्म ‘‘शिवाय’’, तिग्मांशु धूलिया निर्देशित राग देश, तेलगु फिल्म ‘‘ब्रहमोत्सवम’’, हिन्दी फिल्म ‘‘शुभ मंगल सावधान’’, सोनी टी.वी. पर प्रसारित सीरियल ‘‘बडे भैय्या की दुलहनिया, जी.टी.वी. पर प्रसारित धारावाहिक ‘‘पिया अलबेला’’, टी.वी. धारावाहित बेपनाह, मराठी फिल्म ‘‘फुर्र’’’ हिन्दी फिल्म ‘‘बत्ती गुल मीटर चालू’’ तथा हिन्दी फिल्म ‘‘स्टूडेंट आॅफ द ईयर-2’’, अभिनेता जाॅन इब्राहिम द्वारा निर्मित फिल्म ‘‘परमाणु’’, टोटल धमाल, ‘‘रायफलमैन जसबंत सिंह रावत’’ के साथ ही उत्तराखण्ड क्षेत्रीय बोली की फिल्म ‘‘गोपी-भिना, भुली ए भुली, बद्री द क्लाउड, मेजर निराला आदि प्रमुख फिल्में और धारावाहिक की शूटिंग राज्य में हुई है।
बैठक में राष्ट्रीय फिल्म विकास काॅरपोरेशन की निदेशक एन.जे.शेख ने सुझाव दिया कि उत्तराखण्ड राज्य द्वारा फिल्मों की शूटिंग लोकेशन की जानकारी प्रदान करने के लिए देश व विदेश में आयोजित होने वाले विभिन्न फिल्म समारोह में भागीदारी कर प्रचारित/प्रसारित किया जाय।