एक्सक्लूसिव : केदारघाटी में श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ कर रहा यूकाडा

Please Share

देहरादून: प्रदेश में उत्तराखंड सिविल एविएशन डेवलेपमेंट अर्थारिटी (यूकाडा) केदारघाटी में हेली सेवा से यात्रा कर रहे यात्रियों की जान को खतरे में डाल रहा है। केदारघाटी में डीजीसीए के नियमों के तहत एक बार में 6 हेलीकाॅप्टर ही उड़ सकते हैं, लेकिन इन दिनों मोटी कमाई के चक्कर में यूकाडा की मिलीभगत से एक बार में 8-8 हेलीकाॅप्टर एक साथ उड़ान भर रहे हैं। आलम यह है कि यूकाडा ने अब तक जिला प्रशासन को भी उड़ानों के नियमों और उड़ान भरने का शेड्यूल चार्ट नहीं दिया है।

केदारघाटी में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। भगवान ना करे एसा हो, लेकिन अगर कुछ अनहोनी होती है, तो उसके लिए पूरी तरह यूकाडा ही जिम्मेदार होगा। यूकाडा की हेली कंपनियों को खुदी छूट दी हुई है। इससे यूकाडा के सीईओ को कोई फर्क पड़ता नजर नहीं आ रहा है। आलम यह है की यूकाडा मिलीभगत से एक्सक्लूसिव : केदारघाटी में श्रद्धालुओं की जान से खिलवाड़ कर रहा यूकाडा 2 Hello Uttarakhand News » चहेते ओपरेटर 10-10 घंटे तक खुलेआम उड़ान भर रहे हैं।

इसलिए है हादसे का डर
केदारघाटी में जिस रूट से हेलीकाॅप्टर उड़ान भरते हैं, वह काफी तंग घाटी है। डीजीसीए के नियमों के तहत उस घाटी से एक बार में 6 ही हेलीकाॅप्टर उड़ान भर सकते हैं। इससे अधिक जहाजों के उड़ान भरने से हादसे का खतरा बना रहता है। उसका सबसे बड़ा कारण यह है कि एक तो घाटी संकरी है। दूसरा एयर ट्रेफिक की कोई सुविधा नहीं हैं। पायटलों को यह पता नहीं चल पाता है कि मौसम कैसा है और केदानाथ की ओर से कितने हेलीकाॅप्टर वापस फाटा या दूसरे हेलीपैड के लिए उड़ान भर रहे होंगे। तीसरी बड़ी समस्या यह है कि घाटी में अचानक से बादल आ जाते हैं, जिससे विजिविलीटी भी काफी कम हो जाती है।
हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करते हुए रुद्रप्रयाग डीएम मंगेश घिल्ड़ियाल ने बताया कि उनको अब तक उड़ान भरने का चार्ट नहीं मिला है] और न यह बताया गया कि एक हेलीकाप्टर कितने घंटे उड़ान भरेगा। 

You May Also Like