देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित एक कार्यक्रम में उत्तराखण्ड बोर्ड की हाईस्कूल-इण्टर परीक्षाओं की टॉपर छात्राओं को ‘कम्प्यूटर टैबलेट’ वितरित किये। यह कार्यक्रम महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में राज्य के सभी ब्लाकों और जनपद स्तर पर उत्तराखण्ड बोर्ड परीक्षा में हाईस्कूल-इण्टरमीडिएट की टॉपर छात्राओं को टैबलेट वितरित किये गये। कार्यक्रम में कुल 307 टैबलेट वितरित किये गये।
सूचना प्रौद्योगिकी आगे बढने में सहायक – सीएम
कर्यक्रम में पुरस्कृत छात्राओं को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि टैबलेट दुनिया भर की जानकारी का स्रोत है। इसमें अच्छी जानकारी भी है तो इससे बुरी जानकारी भी प्राप्त हो सकती है। छात्राओं को इस एडवांस तकनीकि का अपने कैरियर को आगे बढाने में हमेशा सदुपयोग करना चाहिए। हाईस्कूल-इण्टर छात्र-छात्राओं के जीवन का टर्निंग प्वाइंट भी होता है। अभिभावकों को चाहिये कि वे अपनी इच्छा थोपने के बजाय बच्चों की अभिरूचि का ध्यान रखें। मुख्यमंत्री ने छात्राओं से कहा कि सफलता के लिये अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी स्मरण रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पढ़ाई का दौर काफी स्मार्ट हो चुका है। किसी एक किताब में सीमित ज्ञान हो सकता है, और ढेर सारी किताबें पढ़ने के लिए बहुत समय की जरूरत होती है। लेकिन ये टैबलेट आफके एक क्लिक पर आपकी पसंद के विषय और टॉपिक की जानकारी आपके सामने ला सकता है। जागरुक करने में भी इसकी उपयोगिता है। देश दुनिया में क्या घटित हो रहा है, उसकी पल पल अपडेट आपको इस टैबलेट मिल सकती है,
मुख्यमंत्री ने छात्राओं से अपील की कि वे ‘‘जॉब सीकर्स’’ नहीं बल्कि ‘‘जॉब गिवर’’ बने। यानी महज नौकरी की तलाश के लिए पढ़ाई न करें, बल्कि अपना ज्ञान और अनुभव का इस्तेमाल करते हुए अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के अवसर पैदा करें।
’सशक्त होती देवभूमि की महिलाएं’
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से संबन्धित सरकारी प्रयासों का उल्लेख भी किया।
* नवजात बच्चियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए वैष्णवी हेल्थ किट मुहैया कराई जा रही है।
* किशोरियों के लिये सस्ती दरों पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए स्पर्श सैनेटरी नैपकिन योजना शुरू की गई है
* महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए मंदिरों के प्रसाद को आमदनी का जरिया बनाने की पहल की है।
* पिरूल नीति से महिलाओं को बडा फायदा होगा, पिरूल कलेक्शन में महिला समूहों को व्यापक रोजगार मिल सकेगा।
* तकनीक और कौशल में महिलाएं आगे बढ़ें,पुरुषों का मुकाबला करें, इसलिए उन्हें छोटे उद्यमों की ट्रेनिंग दी जा रही है। देहरादून के थानो में एलईडी उपकरणों के निर्माण के लिए ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की है, जहां 50 महिलाएं ट्रेनिंग ले रही हैं। जल्द ही नैनीताल के कोटाबाग में भी ऐसा ही ट्रेनिंग सेंटर खोलने जा रहे हैं।
* 670 न्यायपंचायतों को ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित कर रहे हैं। इनमें से इस वर्ष 15 ग्रोथ सेंटर शुरू हो जाएंगे, जहां महिलाओं को कपड़ा बनाने, सिलाई, आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी।
* सड़कों के रखरखाव में महिला स्वयंसहायता समूहों की मदद ली जा रही है।
* महिलाओं को केवल एक फीसदी ब्याज दर पर एक लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराने की शुरुआत हो रही है ताकि महिलाएं भी अपना उद्यम शुरू कर सकें।
* आशा कार्यकत्रियों के वेतन का मामला 8 साल से लंबित था। इसके लिए रास्ता निकाला और आशा कार्यकत्रियों के लंबित भुगतान के लिए 33 करोड़ रुपए का फंड जारी किया
* एनएनएम और आशा कार्यकत्रियों के लिए 2 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा प्रारम्भ किया गया है।
* एकल महिलाओं के लिए सखी- ई-रिक्शा योजना शुरू की है
टैबलेट आधुनिक तकनीकि से जोड़ने में सहायक- मंत्री
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) रेखा आर्या ने कहा कि उत्तराखण्ड बोर्ड की टॉपर बालिकाओं को आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिये ‘टैबलेट वितरण’ कार्यक्रम प्रारम्भ किया है। टैबलेट इनके कैरियर में एक नया मार्गदर्शक बनेगा। उन्होंने कहा कि आधुनिक समय डिजिटल युग है तथा प्रदेश की बेटियों को इसमें आगे बढने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराये जायेगे।
बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देना आवश्यक – प्रमुख सचिव
प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग राधा रतूड़ी ने कहा कि बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिये यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। यह कार्यक्रम बेटी बचाओ बेटी पढाओ कार्यक्रम का ही भाग है। उन्होंने कहा कि सक्षम बेटियां समाज में यह संदेश देती है कि बेटी बोझ नहीं वरन वरदान है। उन्होंने प्रदेश में अपेक्षाकृत कम बाल लिंगानुपात को सुधारने के लिये सभी को मिलकर प्रयास करने को कहा।