केदारनाथ हेली सेवा में टिकटों के पड़े लाले, यूकाडा मौन

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देहरादून: केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाओं में विवादित टेंडर आवंटित होने के बाद भी यात्रियों को सुविधा के नाम पर कुछ सहूलियत नहीं दी जा रही है। जहाँ धाम के लिए हेली सेवा की 70 प्रतिशत बुकिंग यात्रियों की सुविधा के लिए ऑनलाइन करने की बात युकाडा की ओर से कही गई, वहीँ इसके विपरीत आम यात्रियों को टिकट आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, ऑनलाइन बुकिंग के लिए जिस भी ओपरेटर की वेबसाइट पर आप टिकट बुकिंग के लिए सर्च करेंगे, उन सभी वेबसाइट पर टिकिट बिक्री फुल बतायी जा रही है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि, आखिर यात्री हेली सेवा के लिए टिकट कहाँ से बुक कराएं? इधर, टिकिट बुकिंग को केदारनाथ हेली सेवा में टिकटों के पड़े लाले, यूकाडा मौन 2 Hello Uttarakhand News »लेकर ब्लैक मार्केटिंग के मामले भी सामने आने लगे हैं। इन दिनों सोशल मिडिया पर एक रिकार्डिंग खूब वायरल हो रही है।  रिकार्डिंग में एक व्यक्ति फाटा से केदारनाथ की बुकिंग के लिए 10,000 के साथ ही 18 प्रतिशत जीएसटी की मांग भी कर रहा है। इससे एक बात तो साफ़ हो गयी है कि, टिकट की ब्लैक  मार्केटिंग हो रही है, जबकि आम यात्री टिकटों के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। आलम यह है कि, टूर ऑपरेटरों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऑपरेटरों को यात्रियों से टिकट के लिए गए पैसे भी लौटाने पड़ रहे हैं।

इससे एक बार फिर से टेंडर की शतों को ढालने वाले अधिकारी सवालों के कठघरे में खड़े हो रहे हैं। जिन्होंने टेंडर को शुरुआत से अंत तक कई विवाद और आलोचना के बाद भी इसे सिर्फ 9 ओपेरटरों तक ही सिमित रखा। जिससे यात्रा के दौरान यात्रियों के अनुपात में हेलीकॉप्टरों की कमी के चलते भी यह परेशानी हो रही है। ऐसे में अधिकारीयों की इस मनमानी का खामियाजा अब आम यात्रियों को असुविधा के रूप में भुगतना पड़ रहा है। साथ ही इससे सरकार को भी राजस्व का एक बड़ा हिस्सा गवाना पड़ेगा और इतना ही नहीं कम ही हेलीकॉप्टरों के चलते केदारघाटी में कई हैलीपैड सूने पड़े हैं, जिससे इन पर निर्भर हजारों लोगों के रोजगार छिनने से उनमे भी मायूसी छाई है।

हैल्लो उत्तराखंड न्यूज़ से बात करते हुए युकाडा के सीईओ ओमप्रकाश का कहना है कि, टिकट मिल रहे हैं। साथ ही कहा कि उनको अधिक जानकारी नहीं है।

ऐसे में सवाल यह उठता है कि, पूरी प्रक्रिया को अंजाम देने वाले जिम्मेदार अधिकारी को ही कोई जानकारी नहीं है, तो आम लोगों को टिकिटों की जानकारी कहाँ से मिलेगी। युकाडा ने इसके लिए कोई हेल्प लाइन भी जारी नहीं की है।

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