नैनीताल: हाईकोर्ट ने निकाय चुनावों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई जारी रखते हुए 26 अप्रैल की तिथि नियत की है। बुधवार को सुनवाई के दौरान परिसीमन के मामले में उनके अधिवक्ता ने न्यायालय को अवगत कराया कि, आपत्तियों को सुनने का अधिकार सरकार को नही है। सरकार ने जो आपत्तियां सुनी है वे नियम विरुद्ध हैं, आपत्तियों को सुनने का अधिकार राज्यपाल को है। बता दें कि, परिसीमन को लेकर कोटद्वार के मवाकोट व अन्य 35 ग्राम सभाओं ने याचिका दायर की है व तय सीमा में चुनाव न कराने पर चुनाव आयोग ने याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष दोनों मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि, सरकार की ओर से राज्य में निकाय चुनाव की अधिसूचना अभी तक जारी नही की गई है। याचिका में कहा कि तीन मई से पहले राज्य में निकाय कराना संवैधानिक बाध्यता है। इसलिये चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए। याचिका में कहा था कि राज्य में चुनाव की अधिसूचना जारी करने का अधिकार राज्य सरकार को है। पूर्व में सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि सरकार चुनाव करने के लिए पूरी तरह तैयार है। जिसमे 12 मई को चुनाव कार्यक्रम आयोग को सौंप दिया जाएगा। इससे पहले परिसीमन, आरक्षण निर्धारण व अन्य कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इस प्रकरण में राज्य सरकार ने जवाब दाखिल किया था। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजय भट्ट ने बताया कि कोर्ट ने परिसीमन, आरक्षण निर्धारण, मतदाता सूची आदि की मौजूदा स्थिति के अनुसार चुनाव कराने व बेवजह चुनाव न टालने को कहा है। चुनाव आयोग के अधिवक्ता की ओर से बताया गया कि सरकार ने कोर्ट के आदेश के क्रम में अंतिम अधिसूचना जारी कर दी है और इसकी जानकारी हमे उपलब्ध करा दी गई। पक्षो की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुनवाई जारी रखते हुए 26 अप्रैल की तिथि नियत की।