देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को पुरानी जेल परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण के प्रोजेक्ट फाईनेन्स मैनेजमेंट सिस्टम का शुभारम्भ किया। इसी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने एमडीडीए को आईएसओ द्वारा कार्यशैली और कार्य गुणवत्ता के लिए प्रदान किये गये प्रमाण पत्र भी सौंपे।
आईटी बेस्ड गवर्नेंस से पब्लिक सर्विंस डिलिवरी सिस्टम मजबूत होता है: सीएम
मुख्यमंत्री ने एमडीडीए द्वारा प्रारम्भ किये गये ऑनलाइन पीएफएमएस सिस्टम को पारदर्शी प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, सरकार का प्रयास है कि आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से जन सुविधाओं को बेहतर बनाया जाय। साथ ही उन्होंने कहा कि, आईटी बेस्ड गवर्नेंस से पब्लिक सर्विस डिलिवरी सिस्टम मजबूत होता है और सरकार के कामकाज में पारदर्शिता आती है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि, परिवहन विभाग में ड्राईविंग लाईसेंस और रोड टैक्स का कार्य ऑनलाइन शुरू हो गया है। प्रमुख अस्पतालों में ओपीडी के लिये ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। खनन विभाग में ई-ऑक्शन शुरू किया गया है। सरकारी विभागों में ई-टेडरिंग लागू हो गई है। समाज कल्याण, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग आदि में सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से कामकाज को सरल एवं पारदर्शी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि, एमडीडीए की भांति अन्य विभाग भी जन सुविधाओं से जुड़े कार्यों को ऑनलाइन प्लेटफोर्म पर ले आयेंगे।
एमडीडीए बना आईएसओ 9001, आईएसओ 14001 और ओएचएसएएस 18001 प्रमाणित संस्थान।
मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण उत्तराखण्ड, राज्य का पहला विकास प्राधिकरण बना है, जिसे अन्तर्राष्ट्रीय संगठन आई.एस.ओ. का प्रमाण पत्र मिला है। आई.एस.ओ. ने प्राधिकरण को कार्यशैली एवं कार्यगुणवत्ता के लिए तीन प्रमाण पत्र, आईएसओ 9001 गुणवत्ता प्रबन्धन प्रणाली, आईएसओ 14001 वातावरण प्रबन्धन प्रणाली व ओएचएसएएस 18001 व्यवसायिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा प्रबन्धन प्रणाली हेतु प्रदान किये हैं।
सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट फाईनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) का प्रारम्भ
एमडीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा किये जा रहे विभिन्न विकास कार्यों को बेहतर बनाने व उनमें पारदर्शिता लाये जाने हेतु एक नया सॉफ्टवेयर प्रोजेक्ट फाईनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) विकसित किया गया है। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों पर पारदर्शी एवं प्रभावी रूप से कार्य किया जा सकेगा। विभिन्न विकास कार्यों की स्वीकृति सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जायेगी तथा एस्टिमेट भी तैयार किया जायेगा। सभी ‘‘शिड्यूल ऑफ़ रेट्स’’ सिस्टम पर उपलब्ध रहेंगे। विकास कार्यों की भौतिक स्थिति की जानकारी ‘‘जीओ टैग्ड’’ फोटोग्राफ के माध्यम से उपलब्ध रहेगी।
समस्त विकास कार्यों की एम.बी.(मेजरमेंट बुक) सॉफ्टवेयर के माध्यम से पूर्ण की जायेगी। अभी तक एम.बी. निरीक्षण करने में लेखा अनुभाग को काफी समय लगता था। सॉफ्टवेयर के माध्यम से एम.बी. का निरीक्षण किया जायेगा, जिससे समय की बचत होगी व त्रुटि होने की सम्भावना नगण्य हो जायेगी। सॉफ्टवेयर द्वारा प्रत्येक कार्य की प्रगति विवरण उच्चाधिकारियों को उनके डैशबोर्ड पर उपलब्ध रहेगी तथा विलम्ब होने की स्थिति में सम्बन्धित अधिकारी का लॉगइन ब्लॉक हो जायेगा एवं उपाध्यक्ष द्वारा ही पुनः स्वीकृति के पश्चात संचालित किया जा सकेगा। सॉफ्टवेयर के माध्यम से टेडरिंग की प्रक्रिया को भी पूर्ण किया जायेगा। सॉफ्टवेयर को लेखा अनुभाग के साथ एकीकृत किया गया है, जिससे कार्यदायी संस्था को उनके कार्य के अनुपात में भुगतान आर.टी.जी.एस. व नेट बैंकिंग के माध्यम से किया जायेगा।