IAS को नहीं पच रहा प्रमोटी IAS का डीएम बनना

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देहरादून: राजधानी देहरादून की फिजाओं में एक ऐसा मसला तैर रहा है, जो यह बताता है कि प्रदेश में नौकरशाहों के बीच लड़ाई चल रही है। डायरेक्ट आईएस बने अधिकांश नौकरशाहों को प्रदेश में प्रमोटी आईएस को किसी जिले का डीएम बनाना हजम नहीं हो रहा है। हाल में विनोद कुमार सुमन को नैनीताल का डीएम बनाया गया है। यहीं से दबी जुबान चल रही जंग भी अब गहराई से सतह पर आने लगी है।

अफसरों की यह लड़ाई जल्द ही खुले तौर पर भी दिख सकती है। दरअसल, प्रदेश के 25 प्रमोटी अफसर अपनी शिकायत को लेकर सीएम से भी मिल चुके हैं। सीएम ने उनको कुछ आवश्वासन तो नहीं दिया, लेकिन यूपी का उदाहरण देकर सांत्वना जरूर दी। पूरे मामले को लेकर प्रमोटी आईएएस अधिकारियों का संगठन तक तैयार हो गया है और अपनी लड़ाई को अपने दम पर लड़ने को तैयार है। उनका कहना है कि अगर सरकार कुछ नहीं करती है, तो वे खुद ही मोर्चा संभालेंगे।

असल सवाल यह है कि सीधे आईएस बने अफसरों को प्रमोटी आईएएस के डीएम या सचिव बनने में भला क्या परेशानी है। जबकि प्रमोटी आईएएस बेहतर काम भी कर रहे हैं। प्रदेश में 25 ऐस पीसीएस अफसर हैं, जो प्रमोट होकर आईएएस बने हैं। देखना यह होगा कि सरकार और मुख्य सचिव इस मसले में मध्यस्तता करते हैं या नहीं। दूसरा यह कि अगर यह लड़ाई पूरी तरह सतह पर आई तो यह भी हो सकता है कि कई प्रमोटी आईएएस अधिकारी सीधे आईएएस बने अधिकारियों के खिलाफ धरना देते नजर आएंगे। एक और बात यह है कि यह स्थिति प्रदेश के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। अफसरों में आपसी तालमेल नहीं होने के चलते, इसका सीधा प्रभाव काम-काज पर ही पड़ेगा। अब देखना यह होगा कि सरकार इसमें कैसा रुख अपनाती है।

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