देहरादून: प्रदेश निकाय चुनाव में तय समय से कुछ दिन की देरी हो सकती है। आयोग अब चुनाव कराने के लिए हाईकोर्ट पहुंच गया है। आपको बता दें कि, राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पूर्व में निर्धारित अधिसूचना जारी करने की डेडलाइन मंगलवार को निकल चुकी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने नौ मार्च को सरकार को प्रारंभिक चुनाव कार्यक्रम भेजते हुए दो अप्रैल तक सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी होने की डेडलाइन तय की थी, इसके बाद तीन अप्रैल को आयोग को चुनाव की अधिकारिक घोषणा करनी थी। लेकिन मंगलवार शाम तक सरकार चुनावी अधिसूचना फाइनल कर आयेाग को नहीं भेज पाई।
सरकार ने आयोग को नौ अप्रैल के बाद चुनाव कार्यक्रम जारी कर, अप्रैल अंत में चुनाव कराने पर सहमत होने की जानकारी दी है, लेकिन आयोग तैयारियों के लिहाज से इस समयावधि को बहुत कम मान रहा है। चुनाव में पेच की वजह 24 निकायों में सीमा विस्तार का प्रस्ताव अब भी फाइनल न होना है। साथ ही आयोग का मत है कि, सीमा विस्तार के चलते इस बार मतदाताओं की संख्या 34 लाख से अधिक पहुंच रही है। इसलिए महज बीस दिन में चुनाव कराना मुश्किल है।
वहीँ राज्य निर्वाचन आयुक्त सुवर्धन ने प्रेसवार्ता आयोजित कर कहा कि निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली सही नहीं रही है। साथ ही उन्होंने सीएम और शहरी विकास मंत्री पर भी कई सवाल उठाए और कहा कि सरकार के ढूलमूल रवैये के कारण चुनाव की पूरी तैयारी नहीं हो पाई। इसके आलावा उन्होंने कहा कि, अभी तक ना ही परिसीमन और ना ही आरक्षण की स्थिति साफ़ हो पाई है। उन्होंने कहा कि ईवीएम और वीवीपैट से चुनाव कराने के लिए आयोग ने सरकार से जो पैसे मांगे, सरकार ने उस पर भी ध्यान नहीं दिया है। आयोग ने इसके लिए 17 करोड़ की मांग की थी, लेकिन अभी तक उन्हें 17 रुपए भी नहीं मिले. गौरतलब है कि, वर्तमान निकायों का कार्यकाल 4 मई को समाप्त हो रहा है।