रुद्रप्रयाग: ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ की यात्रा शुरु होने में करीब छह सप्ताह का समय ही बाकी है, लेकिन अभी तक भी जिला प्रशासन को केदारनाथ धाम के लिए ऐयर एम्बुलेंस की स्वीकृति शासन से नहीं मिल पायी है। वहीं इस बार केदारनाथ यात्रा में सम्मिलित होने वाले 60 वर्ष की उम्र से अधिक के तीर्थ यात्रियों को ईसीजी टेस्ट करवाना होगा।
आपको बता दें कि केदारनाथ धाम साढे ग्यारह हजार फिट की उंचाई पर स्थित है और सभी ज्योर्तिलिगों में सबसे दुर्गम यात्रा केदारनाथ की है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने के कारण यहां ऑक्सीजन की कमी हर समय बनी रहती है, जिसके चलते हार्ट अटैक की समस्याएं ज्यादा बढ़ जाती हैं। यदि वर्ष 2017 की यात्रा की बात करें तो धाम में 38 श्रद्वालुओं की मोतें हुई थी, जिनमें से 36 लोगों की मौत हृदय गति रुकने से हुई। इसी तरह वर्ष 2012 की बात करें तो केदारनाथ यात्रा में 74 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से 69 मौते हृदय गति रुकने से हुई थी।
समय पर उपचार न मिलने व संसाधनों के अभाव में केदारनाथ यात्रा के दौरान कई तीर्थ यात्रियों की अकाल मौत हो जाती है। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए जिला प्रशासन की संस्तुति पर सीएमओ ने शासन को केदारनाथ यात्रा के दौरान ऐयर एम्बुलेन्स मुहैया करवाने की फरियाद की थी. लेकिन अभी तक भी शासन से ऐयर एम्बुलेन्स की स्वीकृति नहीं मिल पायी है। ऐसे में यदि केदारपुरी में यह सुविधा मिल पाती है तो समय पर मरीज को उचित सुविधा मिलने के चलते निसन्देह ऐसे मरीजों की जान को बचाया जा सकता है। वहीँ जिलाधिकारी का कहना है कि प्रशासन के माध्यम से प्रस्ताव तो भेजा गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि यात्रा शुरु होने से पूर्व ऐयर एम्बुलेन्स की स्वीकृति मिल जायेगी।