देहरादून: किसी मां-बाबा को उनकी सात साल पहले खोई बेटी अचानक मिल जाए, तो उनके चेहरे पर बस स्माइल ही आ सकती है। इस स्माइल को लाने का काम एक आपरेशन कर रहा है, जिसका नाम ऑपरेशन स्माइल। टिहरी जिले के आॅपरेशन स्माइल टीम ने सात साल पहले अपने परिवार से बिछड़ी आसाम की बच्ची सुहानी को उसके परिवारा वालों से मिलवाने का काम किया है। टीम को गढ़वाल डीआईजी ने सम्मानित भी किया। आॅपरेशन स्माइल कई परिवारों के चेहरे पर स्माइल लाने का काम कर रहा है।
टिहरी जिले की टीम अपने जिले के गुमशुदा बच्चों की जानकारी जुटाने केदारपुर स्थित शिशु नारी निकेतन पहुंचा था। यहां उनको एक 13 साल की बालिका मिली, जिसे अपने बारे में कुछ भी पता नहीं था। उसको केवल इतना पता था कि कभी अपने पिरवार के साथ हरिद्वार में रहती थी। इसके बाद स्माइल टीम उसे लेकर हरिद्वार पहुंची। आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि उसके परिजन आसाम के हैं, और बहुत पहले ही वापस जा चुके हैं। पुलिस ने आसाम पुलिस से जानकारी जुटाई। बमुश्किल ऑपरेशन स्माइल टीम ने उसके पिता का पता लगाया। उनको देहरादून बुलाया गया। जिसके बाद सुहानी के पिता अपने अन्य परिजनों के साथ केदारपुरम में स्थित नारी निकेतन में आए और आवश्यक दस्तावेज की कार्रवाई पूरी करने के बाद आॅपरेशन स्माईल टीम ने बच्ची को उसके पिता के सुपुर्द कर दिया गया।