देहरादून : उत्तराखंड में चंद माह बाद निकाय चुनाव होने तय हैं जिसको देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी मैदान में उतरने के लिए अपना खाका तैयार करना शुरू कर दिया है और वह चुनाव प्रचार के लिए इलाकों में भी सेवाभाव करते हुए दिखाई दे रहे हैं। भाजपा व कांग्रेस में मेयर व सभासद के चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के अन्दर लम्बी कतारें लगी हुई दिखाई दे रही हैं और सबसे दिलचस्प मोड राजधानी में देखने को मिल रहा है जहां भाजपा में मेयर पद को लेकर अंदरखाने एक बडा घमासान मचा हुआ है। मेयर पद का टिकट किसको मिलेगा यह अभी तक भाजपा में एक रहस्य बना हुआ है और कई मज़बूत राजनेताओं ने उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक मेयर पद का टिकट पाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं कांग्रेस में भी रहस्य बना हुआ है कि पार्टी चुनाव मैदान में किस प्रत्याशी को मेयर पद पर चुनाव लडवायेगी। दोनों ही दल पहले आप, पहले आप की तर्ज पर वेट एंड वॉच की मुद्रा में हैं जिससे साफ नजर आ रहा है कि पार्टी के अन्दर सम्भावित बड़ी बगावत को देखते हुए पार्टी नेता खामोशी के साथ पार्टी हाईकमान के सिग्नल का इंतजार करने में लगे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि एक साल से राज्य में डबल इंजन की सरकार राज कर रही है और मुख्यमंत्री की कमान त्रिवेन्द्र सिंह रावत के हाथों में है जिनके कंधों पर निकाय चुनाव व 2019 का चुनाव जीतवाने की बड़ी जिम्मेदारी भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दी है। यही कारण है कि सरकार के मुखिया फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं जिससे कि उन पर कभी आरोप न लग पाये कि उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार व घोटाले हो रहे हैं। निकाय चुनाव में लगभग डेढ़-दो महीने का समय माना जा रहा है और कांग्रेस व भाजपा ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं कि वह पार्टी टिकट पर पार्षदों का चुनाव लडवायेंगे या फिर उन्हें निर्दलीय के रूप में चुनाव लडवाया जायेगा। भाजपा व कांग्रेस के अन्दर सस्पेंस बना हुआ है कि मेयर पद पर पार्टी किसे चुनाव मैदान में उतारेगी। कांग्रेस में पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, सूर्यकांत धस्माना, पूर्व विधायक राजकुमार, अशोक वर्मा के नामों की चर्चा चल रही है कि इनमें से पार्टी किसी भी राजनेता को मेयर पद के लिए चुनाव मैदान में उतार सकती है। भाजपा में मेयर पद के लिए आधा दर्जन उम्मीदवार कतार में खडे हुए दिखाई दे रहे हैं और टिकट पाने के लिए कुछ राजनेताओं ने उत्तराखंड से लेकर दिल्ली में मौजूद कुछ बडे राजनेताओं से सम्पर्क साधना शुरू कर रखा है और उनकी चाहत है कि उन्हें अगर पार्टी का टिकट मिल गया तो उनकी जीत सुनिश्चित है। भाजपा में मेयर पद के लिए अगली कतार में उमेश अग्रवाल, अनिल गोयल, सुनील उनियाल गामा, विनोद चमोली की पत्नी के नाम सामने आ रहे हैं। शहर में देखने को मिल रहा है कि अधिकांश मार्गों पर चलने वाले वाहनों पर उमेश अग्रवाल के होर्डिंग्स लगे हुए हैं जिसमें वह अपना प्रचार नहीं बल्कि नियमों का पालन करना व स्वच्छता अभियान में सबको अपनी भागेदारी करने जैसे शब्द अंकित हैं। वहीं भाजपा के अन्दर यह चर्चाएं भी चल रही हैं कि सुनील गामा मुख्यमंत्री के काफी करीबी हैं इसलिए उन्हें मेयर पद पर चुनाव लडाने के लिए पार्टी आगे आ सकती है। उधर यह भी चर्चा है कि उद्योगपति व भाजपा नेता अनिल गोयल को भी पार्टी मेयर पद के चुनाव के लिए आगे कर सकती है। अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा व कांग्रेस कब अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर चुनाव में अपनी जीत की ताल ठोकेंगे।