पिथौरागढ़: देश में जय जवान जय किसान के नारे से सत्ता सुख तमाम दलों ने प्राप्त किया हैं पर सत्ता में आते ही ये नारे गुमनामी के अंधेरे में खो जाते हैं। पिथौरागढ़ जनपद के किसान 37 दिनों से रामलीला मैदान टकाना में क्रमिक अनशन कर रहे हैं। लेकिन मौजूदा सरकार जो सत्ता में ऋणमाफ़ी के वादे के साथ काबिज हुई थी, सत्ता हाथ आते ही सरकार कास्तकारों के ऋण माफ की बात ही भूल गयी।
जिसके चलते मजबूर कास्तकारों ने धरने का सहारा लिया लेकिन धरने में बेठने के बावजूद भी सरकार कास्तकारों की सुध नही ले रही है। डबल इंजन की सरकार को धरने के माध्यम से चेताने की कोशिश में लगे किसान पिछले 37 दिनों से धरने पर है।
किसानों का कहना है कि प्रदेश सरकार के किसी भी नुमांइदे ने उनकी बात व समस्याओं को सुनने की इन 37 दिनों में जहमत नहीं उठाई। किसानों ने प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि आखिर प्रदेश से पलायन व बंजर होती जमीन को हरा भरा करने की सरकार की मुहिम आैर दावे धरातल पर कब नजर आयेंगे??