देहरादून: हाल ही प्रदेश सरकार ने लिंगानुपात को लेकर एक रिपोर्ट सार्वजानिक की थी, जिसमे सर्वे कर प्रदेश में लिंगानुपात बढ़ने का दावा किया गया था। अब इन कागजी दावों की पोल धरातल पर नीति आयोग की रिपोर्ट में खुल गई।
नीति आयोग की जारी रिपोर्ट बताती है कि जन्म के समय लिंगानुपात पर ध्यान दें तो पता चलता है कि हरियाणा के बाद उत्तराखंड की हालत सबसे दयनीय है। गौरतलब है कि जन्म दर से इतर जनगणना 2011 में किए गए विस्तृत सर्वे में 0-6 वर्ष तक की आयु में लिंगानुपात 886 था। जबकि इस सर्वे में यह संख्या 871 पर खिसक गई। यानी इस अंतराल में ही लिंगानुपात में 15 अंक की गिरावट आ गई। हालाँकि रिपोर्ट में जन्म दर को आधार बनाते हुए आधार वर्ष 2012-14 घोषित किया गया है।