देहरादून: राजधानी दून में सोमवार को केंद्र सरकार की कारपोरेट नीतियों के खिलाफ उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन समन्वय समिति ने राजभवन पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में हरिद्वार और देहरादून के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
सोमवार सुबह इंटक, एटक, सीटू, एक्टू, एचएमएस, रक्षा कर्मचारी, केंद्रीय कर्मचारी कामगार महासंघ, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन, यूटीयूसी, बीमा से जुड़े कर्मचारी गांधी पार्क में जमा हुए। बाद में प्रर्दशनकारी कर्मचारी परेड मैदान चले गए। यहां से कर्मचारियों ने जेल भरो आंदोलन के तहत सचिवालय के लिए कूच किया।
ने मांग की है कि 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप सभी स्कीम वर्कर्स को कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और उसके अनुरूप सुविधाएं लागू की जाए। चिकित्सा सुविधा व 3000 रुपये मासिक पेंशन दी जाए। इस ओर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की घोषणा लागू की जाए। न्यूनतम 18000 रुपये मासिक वेतन लागू किया जाए। स्कीम योजनाओं में बजट कटौती न की जाए। वर्ष 2018-19 के बजट में स्कीम वर्कर्स के लिए समुचित वृद्धि की जाए। साथ ही स्कीम योजनाओं का निजीकरण बंद किया जाए। स्कीम योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या घटाना बंद किया जाए। आशाओं का मानदेय घोषित किया जाए और तेलंगाना, केरल की भांति मानदेय दिया जाए। स्कीम वर्करों को सामाजिक सुरक्षा दी जाए।