उत्तरकाशी। राष्ट्रीय गौरव ग्राम पुरस्कार प्राप्त मोरी ब्लाक की कुकरेड़ा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने गाँव में शौचालय बनाने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख कर गाँव को शौच मुक्त करने की मांग की है। वहीं स्वजल तथा मनरेगा की ओर से गांव में जो 120 परिवारों के शौचालय निर्माण दिखाया गया है, उसकी जांच की भी मांग की है।
मोरी ब्लाक की मासमोर पट्टी के तलवार, हलाई, कुकरेड़ा एवं रौतार के राजस्व गाँव को मिलाकर बनी ग्राम पंचायत कुकरेड़ा में करीब 68 परिवार रहते हैं। जिनकी जनसंख्या करीब 500 है। जिसमें एससी,अल्पसंख्यक (गुजर) के तीन सौ तथा दो सौ सामान्य जाति के निवास करते है। वर्ष 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ग्राम पंचायत को 10 लाख रूपये व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार से नवाजा है। वहीं 2017 में भी कुकरेड़ा को प्रदेश के पंचायत राज मंत्री अरविंद पांडेय ने नाना जी देशमुख पुरस्कार दिया। इस पुरस्कार में भी ग्राम पंचायत को दस लाख रूपये एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया। लेकिन इन सब के बाद भी आज देखें तो इस ग्राम पंचायत में शौचालय का प्रतिशत 50 फीसदी से ऊपर नहीं है। जिसको देखकर लगता है कि पुरस्कार मिलने के बाद भी खुले में शौच मुक्त को पलीता लग रहा है।
गाँव के लोगों का कहना है कि गांव का पूरा विकास कागजों में ही किया जा रहा है। उनका कहना है कि चारों राजस्व गाँव में पेयजल योजनाओं का जाल बिछा तो दिया गया है लेकिन पानी किसी में भी नहीं चलता है। जबकि हलाई के तो और भी बुरे हाल हैं। तलवार के ग्रामीणों ने प्रधान पर दबंगता का आरोप लगाया है। इन सब के बाद यहां के ग्रामीणों ने किसी तरह से साहस जुटाकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी इन समस्याओं से अवगत करवाया है।
पुरस्कार हेतु विकास खंड कार्यालय से कोई भी संस्तुति नहीं की गई है। कुछ शौचालय मनरेगा द्वारा भी बनाए गए है लेकिन ग्राम पंचायत ओ डी एफ सिर्फ दस्तावेजों पर है जो ग्राम पंचायत की संस्तुति से ऊपर ही ऊपर हुई है। वहीँ ग्राम प्रधान चतर सिंह का कहना है कि पुरस्कारों का शौचालयों से कोई संबंध नहीं है। ग्राम पंचायत में विकास कार्य किए गए है। कुछ लोग है जो विरोधी हैं एवं दुष्प्रचार कर रहे हैं।