मध्यप्रदेश में चैंम्पियंस ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल मैच के दौरान भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक नारे लगाने पर 15 लड़कों को गिरफ़्तार किया गया है।
जिसके बाद इन लड़कों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला दर्ज़ किया गया है।
हिंदू पड़ोसियों ने शिकायत की थी कि इन लोगों ने ‘पटाखे फोड़े और पाकिस्तान के समर्थन’ में नारे लगाए।
पुलिस के अनुसार, बुरहानपुर के मोहद गांव के 15 युवकों को पुलिस ने देशद्रोह के मामले में हिरासत में लिया है।
इन पर धारा 120 (बी) और 124(ए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मध्यप्रदेश के शाहपुर चौकी इंचार्ज संजय पाठक ने हैलो उत्तराखंड न्यूज से बात करने पर बताया कि “15 लोगों पर मामला दर्ज़ किया गया है। सभी को कोर्ट में पेश किया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया है.”
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब भारतीय मुसलमान पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को सपोर्ट करने के लिए परेशानी में पड़े हों।
बताए कि साल 2014 में उत्तर प्रदेश के एक विश्वविद्यालय में भारत प्रशासित कश्मीर के 66 स्टूडेंट्स को निकाल दिया गया था और उन पर साम्प्रदायिक शांति बिगाड़ने का आरोप लगाया गया था।
साल 2016 में भारत प्रशासित कश्मीर के एक विश्वविद्यालय में राज्य और बाहर के छात्रों में झड़प होने के बाद पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा था।
वतन के हारने पर एक दूसरे देश की जीत पर उत्साह मनाना, वो भी उस देश के लिए जिसे हिंदुस्तान का विरोधी माना जाता है, देश द्रोह से कम नहीं हैं। इस घटना औऱ इस कार्यवही से बाकी उन सभी लोगों को सीख लेने की जरूरत है जो खाते,पीते और पहनते तो इस देश का हैं लेकिन प्रेम मुल्क के दुश्मन देश से करते ह