उत्तरकाशी: तमाम अफवाओं के बावजूद स्थिति स्पष्ट हो गई है कि गोमुख ग्लेशियर के पास कोई झील नहीं बनी हुई है। गंगोत्री गोमुख ट्रैक पर भूस्खलन की सूचना प्राप्त होने के बाद भूस्खलन की पुष्टि के लिए भेजी गई एसडीआरएफ की पांच सदस्यीय माउंटेन टीम आज जिला मुख्यालय लौट आई है जिन्होंने शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।
टीम के नायक हेड कांस्टेबल रविन्द्र सिंह पटवाल ने कहा कि गोमुख ग्लेशियर के पास कोई झील नहीं बनी हुई है। वर्तमान समय में गोमुख अपने प्राकृतिक स्वभाव में हैं। वहीं भागीरथी की जलधारा भी सामान्य रूप में प्रवाहित हो रही है।
गौरतलब है कि गत सोमवार रात को जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि गोमुख क्षेत्र में भूस्खलन के साथ गोमुख ग्लेशियर के पास झील बनी है जिसके बाद जिला प्रशासन हरकत में आया और मंगलवार सुबह एसडीआरएफ, वन तथा पुलिस की 12 सदस्य टीम वास्तविक स्थिति का जायजा लेने के लिए गंगोत्री गोमुख क्षेत्र के लिए रवाना हुई लेकिन मौसम खराब होने के कारण टीम गोमुख नहीं पहुंच पाई थी। जिसे चलते अगले दिन बुधवार को दूसरी टीम गोमुख के लिए भेजी दी गई जिसमें टीम को गंगोत्री से गोमुख तक की पूरी फोटोग्राफी एवं वीडियो ग्राफी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया।
वहीं टीम रविवार दोपहर को जिला मुख्यालय उत्तरकाशी लौट आई जिसके बाद मुख्य क्षेत्र की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट फोटोग्राफी के साथ जिला प्रशासन को सौंपी गयी। प्रभारी जिलाधिकारी सीडीओ विनीत कुमार ने कहा कि एसडीआरएफ की टीम की ओर से दी गई रिपोर्ट में गोमुख ग्लेशियर के पास कोई भी झील नहीं बनी है। साथ ही उन्होंने कहा कि गोमुख क्षेत्र की जो स्थिति अगस्त माह में थी वही स्थिति वर्तमान में भी है।