कन्या गुरुकुल प्रशासन और पुलिस महकमें में नहीं है एक राय – खुलासा होने पर बड़े नाम आ सकते हैं सामने

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देहरादूनकन्या गुरुकुल प्रशासन और पुलिस महकमें में नहीं है एक राय – खुलासा होने पर बड़े नाम आ सकते हैं सामने 1 Hello Uttarakhand News »

हैलो उत्तराखंड टीम

बीते दिनों कन्या गुरुकुल परिसर में कटे छह पेड़ों पर विवाद अभी थमा नहीं है। वन विभाग की अनुमति के बगैर रातों रात काटे गये उन पेड़ों पर गुरुकुल प्रशासन भी शक के घेरे में आ रहा है। वन विभाग ने जहां वन संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है तो वहीं पुलिस महकमा और गुरुकुल प्रशासन की ओर से इस मामले में अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है।

हैलो उत्तराखंड न्यूज ने गुरुकुल स्कूल के प्रबंधक संतोष विद्यालकर से बात की तो उनका यह कहना है कि वे एफआईआर दर्ज करवा चुकी हैं, जिसकी कॉपी उनके पास है। ये मामला डालनवाला थाना क्षेत्र में आता है, इसलिए जब हमने डालनवाला इंस्पेक्टर से इस मामले पर एफआईआर दर्ज करने की बात पूछी तो उन्होनें स्पष्ट तौर से इस मामले पर कोई एफआईआर दर्ज होने से इंकार कर दिया। यानी की मामले को घूमाया जा रहा है।

जबकिं डीएफओ देहरादून का साफ कहना है कि इस मामले में वन विभाग औऱ पुलिस विभाग द्वारा अलग अलग कार्यवाही की जाएगी। क्योकिं बिना अनुमति के चंदन के वृक्ष काटने पर वन विभाग कार्यवाही करेगा और उन वृक्षों के चोरी होने पर पुलिस विभाग..।

 बावजूद इसके वन विभाग तो अपनी कार्यवाही कर रहा है लेकिन पुलिस की ओर से अभी तक कोई संतोषजनक कार्यवाही होती नहीं दिख रही है। हालांकि सूत्रों से खबर है कि यह जमीन जिस पर चंदन के वृक्ष काटे गये हैं, वह जमीन इस समय सोने के अंडे देने वाली मुर्गी बनी हुई हैं। बाजार में जिसकी किमत करोड़ों-अरबों की है..शक है कि कुछ भू-माफियाओं की भूखी नजर इस जमीन पर है। जिसकी वजह से इन पेड़ो को हटाया गया है।

स्कूल प्रशासन की नाक के नीचे इतना बड़ा खेल हो जाता है और स्कूल प्रशासन सिर्फ पुलिस को शिकायत देकर बैठ जाता है जिससे स्कूल प्रशासन की कार्यवाही और नीयत दोनों शक के घेरे में आ रहे हैं। जब इस गंभीर मामले को हैलो उत्तराखंड न्यूज ने शहरी विकास मंत्री औऱ राज्य सरकार प्रवक्ता मदन कौशिक के सामने उठाया तो मंत्रीजी ने तुरंत इस पर कार्यवाही कर जांच के निर्देश देने का आश्वासन दिया है।

जिसके बाद अब देखना होगा कि पुलिस इस मामले पर एफआईआर कब दर्ज करती है। वन विभाग की जांच कब तक पूरी होती है। क्योकिं अगर इस मामले की निष्पक्ष जांच हुई तो पूरी उम्मीद है कि इस जांच में बड़े बड़े चेहरे सामने आ जाएगें।

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