केदारनाथ
अगले 3 मई से केदारनाथ यात्रा की शुरूआत होने वाली है। जिसको देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के लिए कई तरह की तैयारियां कि हैं। जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार ने संस्कृति विभाग के कंधो में सौंपी हैं।
इसमें गढ़वाली बोली में केदारनाथ से संबंधित बातों को ऑडियो और वीडियो के माध्यम से सामने रखा जाएगा। देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए सब टाइटल्स की भी व्यवस्था की जाएगी। गढ़वाली में जैसे जैसे केदारनाथ का वर्णन होगा, वैसे-वैसे हिंदी में भी सारी बातें साफ होती रहेंगी। संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज के निर्देश पर इस प्रोजेक्ट पर कार्य आरंभ किया गया है।
मंत्रालय संभालने के बाद महाराज ने इस बात को महसूस किया कि लोग केदारनाथ आते है और फिर यहां की गहन जानकारी लिए बिना ही चले जाते हैं। इसलिए उन्होंने प्रोजेक्ट तैयार करने के निर्देश दिए। पर्यटन विभाग ने इस बार चार धाम यात्रा को लेकर एक अलग पहल शुरू की है। होटल मैनेजमेंट के छात्र यात्रा रूट पर स्थिति होटल-ढाबे वालों को अतिथि सत्कार सिखा रहे हैं। ऋषिकेश से लेकर कौडियाला तक के मार्ग में स्थित होटल-ढाबों को ट्रेनिंग दी जा रही है।
यात्रा शुरू होने से पहले ज्यादा से ज्यादा यात्रा मार्ग को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। चार धाम यात्रा में रुकने और खाने-पीने के लिए यात्री काफी हद तक प्राइवेट होटल-ढाबों पर निर्भर रहते हैं। जीएमवीएन, बद्री-केदार मंदिर समिति और अन्य संस्थाओं की क्षमताओं की बात की जाए, तो यात्रा में आने वाले यात्रियों की जितनी संख्या होती है, उसकी तुलना में बहुत कम यात्रियों के रुकने, खाने-पीने के इंतजाम इनके स्तर पर हो पाते हैं।