दिल्ली
लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती जैसे भाजपा के शीर्ष नेताओं को वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इन नेताओं के खिलाफ लगे आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल करने की सीबीआई की याचिका को आज स्वीकार कर लिया है।
न्यायालय ने नेताओं और ‘कारसेवकों’ के खिलाफ लंबित मामलों को भी इस मामले में शामिल कर दिया और कहा कि कार्यवाही दो साल में पूरी हो जानी चाहिए।
न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने कहा, ‘‘हमने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील को कुछ निर्देशों के साथ स्वीकार कर लिया है