नई दिल्ली: 71 सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें आईएनएक्स मीडिया मामले में वित्त मंत्रालय के 4 पूर्व अफसरों के खिलाफ कार्रवाई पर चिंता जताई है। पत्र में सेवानिवृत्त अधिकारियों ने कहा है कि इससे ईमानदार और मेहनती अधिकारी महत्वपूर्ण निर्णय लेने से हतोत्साहित होंगे। पत्र में मांग की गई है कि एक समुचित समय सीमा होनी चाहिए, जिसके बाद फाइलों को दोबारा न खोला जाए।
पत्र पर पूर्व कैबिनेट सचिव केएम चंद्रशेखर, पूर्व विदेश सचिव और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह और पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक जूलियो रिबेरो सहित अन्य अफसरों के हस्ताक्षर हैं।
पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि राजनीतिक फायदा लेने के लिए सेवानिवृत्त और सेवारत अधिकारियों को टारगेट किया जा रहा है। पूर्व अधिकारियों ने पत्र में यह भी कहा कि कोई हैरानी नहीं होगी, जब सरकारी अधिकारी महत्वपूर्ण प्रस्ताव को टालने लगेंगे। क्योंकि उनके लिए इसकी कोई गारंटी नहीं होगी कि ऐसे प्रस्तावों को मंजूरी देने के कई साल बाद उन्हें आपराधिक कार्रवाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। पूर्व में लिए गए फैसलों को दोबारा से खोलने के लिए एक कानूनी प्रक्रिया बनाए जाने की जरूरत है। यह देखा जाना भी जरूरी है कि जब फैसला लिया गया तो किस तरह की सूचनाएं मुहैया कराई गई होंगी।
आईएनक्स मीडिया मामले में सरकार ने पिछले महीने नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर, एमएसएमई मंत्रालय के पूर्व सचिव के पुजारी, वित्त मंत्रालय के पूर्व निदेशक प्रबोध सक्सेना और आर्थिक विभाग के पूर्व अवर सचिव रविंद्र प्रसाद के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति दे दी थी।