नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के फैसले को सही बताते हुए सात रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद सात रोहिंग्या को उनके देश म्यांमार वापस भेजा जा रहा है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सात रोहिंग्याओं को अवैध आप्रवासी पाया गया और म्यांमार ने उन्हें अपने नागरिक के रूप में स्वीकार कर लिया है।
बता दें कि 7 रोहिंग्या प्रवासियों को वापस म्यांमार भेजने के सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को एक याचिका दी गई थी जिसमें इस मामले पर तत्काल सुनवाई की कोर्ट से अपील की गई थी। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुनवाई कर रही बेंच ने वकील प्रशांत भूषण की याचिका को खारिज कर दिया। सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि विदेश मंत्रालय द्वारा सभी सात नागरिकों के म्यांमार के होने की पुष्टि की जा चुकी हैं। जबकि सुनवाई के दौरान प्रशांत भूषण ने कहा कि म्यांमार द्वारा इनको अपना नागरिक होने की पुष्टि नहीं की गई है। ये सातों रोहिंग्या असम के सिलचर स्थित हिरासत केन्द्र में बंद थे जहां से आज उन्हें म्यांमार भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गृह मंत्रालय के मुताबिक गुरुवार को मणिपुर की मोरेह सीमा चौकी पर सात रोहिंग्या प्रवासियों को म्यांमार के अधिकारियों को सौंप दिया जाएगा।
बता दें कि जिन 7 लोगों को म्यांमार भेजा जा रहा है उनकी गिरफ्तारी साल 2012 में हुई थी। गौरतलब है कि इन 7 रोहिंग्या लोगों को विदेशी कानून के उल्लंघन में 29 जुलाई, 2012 को पहले हिरासत में लिया गया। बाद में इन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाला गया।