बागेश्वर: गरुड़ ब्लॉक व ज़िले के विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल बैजनाथ धाम में 8 माह पूर्व बना 10 लाख का फ्लोटिंग ब्रिज हल्की बाढ़ आने से बह गया। प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस पर बड़े-बड़े दावे करती आ रही हैं। सरकार आए दिन मंचो से जीरो टॉलरेंस पर वाहवाही लुटाते हुए नजर आते है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयाँ करती हैं। आवाम निर्माण कार्यो में गुणवत्ताहीन सामग्री के प्रयोग पर, आए दिन शासन-प्रशासन पर आरोप लगाती नजर आती रही हैं। विश्व प्रसिद्ध बाबा बैजनाथ में कुमाऊँ मण्डल विकास निगम ने कुछ माह पूर्व में 10 लाख की लागत से गोमती नदी पर बनें बैजनाथ झील के बीचों बीच एक फ्लोटिंग ब्रिज का निर्माण किया। इस पुल की खासियत थी कि यह पानी में हिलता डुलता था। जिस कारण इसे फ्लोटिंग ब्रिज कहा गया। गोमती नदी के जलस्तर बढ़ने से यह पुल अपनी वास्तविक जगह से 40 मीटर आगे बहकर क्षतिग्रस्त हो गया। जिस पर सवाल उठना लाज़मी है। जिससे क्षेत्रवासियों में आक्रोस बना हुआ हैं। वहीं क्षेत्रवासियों का कहना हैं, कि एकतरफ सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश के दावे करती है तो वही दूसरी ओर पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर कुमाऊँ मण्डल विकास निगम द्वारा सरकारी धन की बन्दरबाँट की जा रही हैं। यदि इस ब्रिज की शासन-प्रशासन द्वारा निष्पक्ष जाँच की जानी चाहिए ऐसा न होने पर स्थनीय लोग उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।