नई दिल्ली: भगौड़े कारोबारी मेहुल चोकसी ने मुंबई की एक कोर्ट से कहा कि वह 41 घंटे की यात्रा कर भारत नहीं आ सकता। लोन धोखाखड़ी मामले वांछित चोकसी ने बताया कि उसकी खराब सेहत की वजह से वह एंटीगुआ से भारत नहीं आ सकता। कोर्ट में लिखित में दिए गए जवाब में मेहुल चोकसी ने ईडी पर आरोप लगाया है कि उसकी स्वास्थ्य की जानकारी न देकर कोर्ट को गुमराह किया गया है।
इसके साथ ही उसने कहा कि वह अपना बकाया चुकाने के लिए बैंकों के संपर्क में है। उसने कहा कि वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जांच के साथ जुड़ने के लिए तैयार है। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट से कहा था कि मेहुल चोकसी को भगोड़ आर्थिक अपरोधी घोषित किया जाए और उसकी संपत्ति जब्त करने के आदेश दिए जाएं।
बता दें, हालही इंटरपोल ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के आग्रह के बाद इंटरपोल ने यह नोटिस जारी किया था। मेहुल चोकसी 13,500 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले के मुख्य आरोपियों में एक है। इस धोखाधड़ी मामले में चोकसी का भतीजा नीरव मोदी भी आरोपी है। चोकसी गीतांजलि ग्रुप का चेयमैन है। चोकसी ने एंटीगुआ में शरण ली है।
आरसीएन जारी होने के साथ चोकसी को इंटरपोल के 192 सदस्य देशों में से कोई भी देश गिरफ्तार कर सकता है, जिसके बाद उसके प्रत्यर्पण या निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। नीरव मोदी व मेहुल चोकसी के खिलाफ फरवरी में पीएनबी धोखाधड़ी से जुड़े मामले में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लगाए गए धनशोधन के आरोपों के आधार पर इंटरपोल ने जुलाई में नीरव मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। ईडी ने अक्टूबर में दोनों की भारत व विदेश की 218 करोड़ मूल्य की संपत्तियां कुर्क की थीं।