नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट इसी हफ्ते आर्टिकल 35ए पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाएं इस सप्ताह 26-28 फरवरी से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हैं। जम्मू और कश्मीर द्वारा प्राप्त विशेष अधिकारों और विशेषाधिकारों से संबंधित अनुच्छेद 35ए पर सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई को लेकर संस्पेस कायम था। लेकिन अब स्पष्ट हो गया है कि इस पर सुनवाई इसी हफ्ते होगी। पहले कहा जा रहा था कि इस मामले पर सोमवार को सुनवाई हो सकती है, लेकिन कोर्ट की सुनवाई सूची में इस केस का जिक्र नहीं था।
जम्मू-कश्मीर सरकार के वकील ने उच्चतम न्यायालय से अनुच्छेद 35 ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आगामी सुनवाई को स्थगित करने के लिए सभी पक्षों के बीच एक पत्र वितरित करने के लिए अनुमति मांगी थी। उन्होंने कहा कि राज्य में कोई निर्वाचित सरकार नहीं है।
The pleas challenging the constitutional validity of the Article 35A (relating to the special rights and privileges enjoyed by Jammu and Kashmir) in Supreme Court listed for hearing this week from Feb 26-28. pic.twitter.com/CiGJoYFpj9
— ANI (@ANI) February 25, 2019
आपको बता दें कि 2014 में एक गैर सरकारी संस्था वी द पीपुल ने सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल डाली थी। इसके साथ ही इससे संबंधित 20 याचिकाएं न्यायलय में अभी लंबित है। जबकि करीब 14 बार यह मामला लिस्ट किया जा चुका है लैकिन अभी तक इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
क्या है अनुच्छेद 35ए ?
अनुच्छेद 35ए जम्मू-कश्मीर के स्थायी नागरिकों को विशेष शक्तियां प्रदान करता है। यह अनुच्छेद अन्य राज्य के व्यक्तियों को वहां अचल संपत्तियों के खरीदने एवं उनका मालिकाना हक प्राप्त करने से रोकता है। इस अनुच्छेद के मुताबिक, दूसरे राज्यों का व्यक्ति वहां हमेशा के लिए बस नहीं सकता और न ही राज्य की ओर से मिलने वाली योजनाओं का लाभ उठा सकता है। इस आर्टिकल के अनुसार, यदि कोई महिला राज्य से बाहर के किसी व्यक्ति से शादी करती है तो उसका संपत्ति का अधिकार छीन जाता है। कोई भी बाहरी शख्स राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं ले सकता है और ना राज्य में सरकारी नौकरी पा सकता है।