नई दिल्ली: साल 2019 में UPSC में 104वीं रैंक पाकर आईपीएस अधिकारी बनने जा रहे हरियाणा के विजय वर्द्धन की कहानी एक नजीर है। आम जिंदगी में छोटी-छोटी बातों पर हिम्मत हारने वालों को उनकी कहानी से जरूर सीखना चाहिए। उन्होंने किस तरह कठिन हालातों में भी अपना मनोबल नहीं छोड़ा और आज दुनिया उनकी सफलता की कहानी बयां कर रही है।
विजय हरियाणा के सिरसा जिले के रहने वाले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वो UPSC की परीक्षा से पहले 35 से ज्यादा कॉम्पिटिटिव परीक्षा में फेल हो चुके थे। वहीं 2019 से पहले विजय 4 बार सिविल सर्विसेज परीक्षा के भी दे चुके थे।
उनके करीबियों ने भी अब अटेम्प्ट न देने की सलाह दे डाली थी। लेकिन पांचवें अटेम्प्ट में वो जब निकल गए तो ये सबके लिए चौंकाने वाली बात थी। उनके परिवार, दोस्त रिश्तेदारों से लेकर आज वो सैकड़ों लोगों के लिए एक उदाहरण बन चुके हैं।
विजय के मुताबिक वह साल 2013 में इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग के बाद दिल्ली सिविल सर्विस की तैयारी करने के लिए दिल्ली आए थे। विजय कहते हैं कि साल 2014 में मैंने आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा के बाद मेन की परीक्षा दी। लेकिन फेल हो गए। इसके बाद 2015 में भी मेन में फेल हो गए। साल 2016 में विजय ने किसी तरह मेन्स की परीक्षा निकाल दी लेकिन फिर छह नंबर से बाहर हो गए। साल 2017 में भी इंटरव्यू में बाहर हो गए। इसी तरह वो राजस्थान सिविल सर्विस, हरियाणा सिविल सर्विस, यूपी सिविल सर्विस, एसससी सीजीएल में भी कई बार फेल चुके हैं।
विजय कहते हैं कि मैं काफी कम अंतर से पास होने से रह जाता था। मेन पास होने के बाद कभी मेडिकल तो कभी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन तक में मेरा सेलेक्शन रुका है।कई बार मुझे इस बेबसी पर हंसी भी आती थी कि ये मेरे साथ क्यों होता है। लेकिन आज मुझे ये मंत्र समझ में आ चुका है कि बार-बार प्रयास करने वाले कभी न कभी जरूर सफल होते हैं।