प्रदेश के पलायन पर वर्तमान समय में लगभग सभी बुद्धिजीवी चिंतन कर रहे हैं। इसलिए हमारी सरकार एक या दो फिसदी ब्याज पर अधिकतम एक लाख तक का ऋण गांव में खेती करने वाले को देगी। जिससे न सिर्फ पहाड़ में पलायन की समस्या से निजात मिलेगी बल्की छोटे जिलों की प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होगी। एक मीडिया कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज यह महत्वपूर्ण घोषणा की है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि उत्तराखंड में यूं तो प्रति व्यक्ति आय एक लाख सैंतिस हजार बताई जाती है लेकिन अगर प्रदेश से देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनिताल को अलग कर दिया जाए तो प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय घटकर पैंतालिस हजार हो जाएगी। जिसे बढ़ाने के लिए ही ये कदम हमारी सरकार उठा रही है।
साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी मुख्यमंत्री ने अपना एक विजन सामने रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 13 जिलों में 13 नये पर्यटन डेस्टिनेशन बनाना चाहती है। जिससे टूरिज्म को तो बढ़ावा मिलेगा ही साथ ही रोजगार के भी नये अवसर पैदा होंगे।
हालांकि त्रिवेंद्र सिंह रावत का यह वादा अभी जमीन पर उतरना बाकी है..इस वादे के जमीन में उतरने के बाद ही मालूम चलेगा कि कितनों को ऋण मिला, पलायन कितना रूका, प्रति व्यक्ति आय कितनी बढ़ी, पहाड़ की खेती कितनी दुरुस्त हुई औऱ कितने बेरोजगार रोजगार की राह पर चल चुके हैं। मगर फिलहाल ये अभी सिर्फ एक वादा है ……