रुद्रप्रयाग: मानसून काल को देखते हुए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने भी अपनी कार्ययोजना तैयार कर दी है। जिले में इस बार सामुदायिक स्थित सर्च एवं रेस्क्यू टीमों का गठन किया जा रहा है। साथ ही सभी विभागों की जिम्मेदारियां तय कर हर समय एक्शन मूड में रहने के निर्देश जिलाधिकारी ने दे दिये हैं। आपदा की दृष्टि से अतिसंवेदनशील जनपद रुदप्रयाग में 2013 की त्रासदी के बाद से आम जन में खौप का माहौल बना हुआ है और हल्की सी बारिस से भी पूरा जनमानस सहम जाता है। सरकारी ऐजेंसियों के साथ ही इन आपदाओं से निपटने के लिए सामुदायिक रिस्पाॅंन्स टीमों का गठन किया जा रहा है। स्थानीय स्तर पर नवयुवक मंगल दलों व स्थानीय लोगों को विशेष टे्निंगें दी जा रही हैं जिससे किसी भी तरह की अननहोनी की स्थिति में सरकारी मदद मिलने से पूर्व ही रेस्क्यू कार्य शुरु हो सके।
राष्ट्रीय राजमार्ग व ग्रामीण राज्य मार्गाें के संवेदनशील स्थानों को चयनित कर करीब 45 जेसीबी मशीनों व पोकलैण्डों मशीनों को तैनात कर दिया गया है, और अन्य स्थानों पर सडकों के बंद होने पर 20 मिनट के भीतर मशीनरी के पहुंचने का दावा प्रशासन ने किया है। आवश्यक खाद्यान सामाग्री के टेण्डर किये जा चुके हैं और प्रत्येक तहशील पर सामाग्री भिजवाने का कार्य शुरु कर दिया गया है। विद्युत व पेयजल विभाग को हर समय तत्पर रहने व कंट्ोल रुम के सम्पर्क में बने रहने के निर्देश दिये जा चुके हैं। तो तहसील, थाना, चैकी, कोतवाली व आपदा प्रबन्धन केन्द्र में रखे गये आवश्यक उपकरणों की 15 दिनों में सफाई व उनकी पूरी जांच करने के निर्देश दिये गये हैं। जिले में एनडीआरएफ का भी विशेष दल पहुंच चुका है। साथ ही केदारनाथ यात्रा की हर गतिविधियों पर कैमरों के जरिये विशेष नजर रखी जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि मानसून काल को लेकर प्रशासन पूरी तरह से तैयार है और उनके स्तर से सभी विभागों को जिम्मेदारियां बांट दी गयी हैं। साथ ही इस बार जनता का भी सहयोग लिया जायेगा जिसके लिए ग्रामीणों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।