रिपोर्ट: कृष्णपाल सिंह रावत
थत्यूड: जौनपुर विकासखंड के अगलाड नदी में मनाया जाने वाला मौण मेला इस वर्ष 28 जून को मनाया जाएगा। मौण मेला क्षेत्र का एक पारंपरिक मेला है जिसमें मछली पकड़ने का रिवाज है। यहां की संस्कृति, रीति-रिवाज अपने आप में अनोखे हैं जोकि पूर्वजों से चले आ रहे हैं।
मौण मेले की शुरुआत टिहरी के महाराजा नरेंद्र शाह ने 1811 ई. में की थी। उस समय उनके द्वारा स्वयं ही अपना नदी में मौण डाला गया था, जिसमें क्षेत्रीय लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और मछली पकड़ी गई, जो कि धीरे-धीरे एक भव्य मेले में तब्दील हो गया और क्षेत्रीय लोगों द्वारा हर साल मौण मेला मनाया जाने लगा जिसे तब से लेकर आज तक जौनपुर क्षेत्र के लोग पूरे रीति-रिवाज से मनाते आ रहे हैं। बता दें कि, इस मेले में मछली पकड़ने के लिए विशेषकर टिमरू पाउडर का इस्तेमाल किया जाता है जोकि क्षेत्र में काफी मात्रा में टिमरू की झाड़ियां पाई जाती है, जिससे मछलियां घायल हो जाती हैं और उनको पकड़ने में आसानी होती है। वहीं विशेषकर इस मेले में रवाई, जौनपुर व जौनसार क्षेत्र के लोग हजारों की संख्या में मौण मेले में भाग लेते हैं और कई कुंतल मछलियां पकड़ते हैं। साल के जून महीने में बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। साथ ही दूर दूर से लोग मेले को देखने के लिए आते हैं।