नैनीताल: हाईकोर्ट ने ऊधमसिंह नगर जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वाथ्य मिशन में संविदा के रूप में कार्यरत 19 आयुष डॉक्टरों को मुख्य चिकत्साधिकारी ऊधम सिंह नगर की ओर से बर्खास्त किये जाने के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार व केंद्र सरकार से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तिथि नियत की है। मुख्य न्यायधीश केएम जोसफ व न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार, डॉक्टर हितेश कुमार, डॉक्टर प्रकाश रावत व डॉक्टर कुलदीप सिंह व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीएमओ के 19 जून 2018 के आदेश जिसमें इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त कर दिया गया था। याचिका में कहा कि ऊधम सिंह नगर में एनएचएम के अन्तर्गत संचालित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में तैनात 19 संविदा आयुष डॉक्टरों का कार्यकाल 31 मार्च 2018 को समाप्त हो गया था। इन डॉक्टरों को 17 अप्रैल 2018 को सीएमओ ने बैठक के बहाने बुलाया था लेकिन ऑफिस में इन डॉक्टरों को बैठक के बाद लिखित परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र दे दिया गया। इस परीक्षा के बाद 3 डॉक्टरों को अनुतीर्ण ,व दो को अनुपस्थित व 14 को तीन माह का सेवा बिस्तार दिया गया और 19 जून 2018 को इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्तगी का आदेश दे दिया गया । सीएमओ के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। जिसमे कहा गया था कि केंद्र सरकार ने एनएचएम में सविंदा के रूप में कार्यरत डॉक्टरों को सेवा विस्तार देने में लिखित परीक्षा देने का प्रावधान नही है। इस सेवा विस्तार के लिए उनसे अप्राइजल फार्म भरवाया जाता है, जिसमे पिछले वर्ष की सेवाओ को आधार मानकर उनको सेवा विस्तार दिया जाता है। याचिकाकर्ताओं का यह भी कहना था कि इस सम्बन्ध में अभी तक कोई नियमवाली नही बनाई गयी है , डॉक्टर प्रकाश रावत छुट्टी लेकर अपने भाई की शादी में गए थे उनको भी सीएमओ द्वारा सस्पेंड कर दिया।