रुद्रप्रयाग: भगवान आशुतोष के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल केदारनाथ धाम के कपाट रविवार को सुबह 6.15 बजे विधि-विधान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। पहले ही दिन श्रद्धालुओं की संख्या ने रिकार्ड तोड़ा है। केदारनाथ आपदा के बाद पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु कपाट खुलने के अवसर के साक्षी बने हैं। तड़के से ही केदारनाथ धाम में बम-बम भोले और बाबा केदार के जयकारे गूंज रहे हैं।
रविवार को तड़के चार बजे मंदिर के कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले बाबा केदार की चल विग्रह उत्सव डोली को मंदिर में प्रवेश कराया गया। इसके बाद रावल और पुजारियों ने मंदिर भीतर गए और धार्मिक अनुष्ठान शुरू किया। गर्भगृह में विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हुई। रुद्राभिषेक, जलाभिषेक समेत सभी धार्मिक अनुष्ठान विविधत संपन्न कराने के बाद ठीक सवा छह बजे मंदिर के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए गए। रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ मंदिर पूरी तरह से श्रद्धालुओं के लिए तैयार है। केदारनाथ में ठहरने और सुरक्षा के मद्देनजर पुख्ता इंतजाम हैं। श्रद्धालु बेफिक्र यात्रा होकर भगवान केदारनाथ के दर्शन करने आएं।
एक लाख से ज्यादा यात्री करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन आपदा से केदारनाथ यात्रा प्रभावित हुई थी, लेकिन इस बार यात्रा को लेकर भारी उत्साह नजर आ रहा है। बदरी-केदार मंदिर समिति के मुख्य कार्याधिकारी बीडी सिंह ने बताया कि 25 अप्रैल तक केदारनाथ के लिए एक लाख 10 हजार यात्री ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कपाट खुलने के दिन केदारनाथ धाम में पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। 2013 की आपदा के बाद यह पहला मौका है जब कपाट खुलने के दिन इतनी संख्या में यात्री केदारनाथ पहुचे। उन्होंने बताया कि दुनिया में सुरक्षित चारधाम यात्रा का संदेश गया है। इससे श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि हो रही है।