Dehradun: National Scam: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा जानकारी दी गई कि साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन पर दिनांक 04-09-2021 को वादी मुकदमा अमित कुमार पुत्र रामेश्वर प्रसाद निवासी डी-2 ज्वालापुर सुभाष नगर जनपद हरिद्वार के प्रार्थना-पत्र के आधार पर मुकदमा संख्या 30/21 धारा 420/120बी भा0द0वि0 व 66डी0 आई0टी एक्ट बनाम अज्ञात पंजीकृत किया गया। जिसमें वादी को अज्ञात व्यक्ति द्वारा व्हाटसएप पर मैसेज भेजकर जिसमें (सोना/रेडवाईन) मसाले आदि चीजों की चीन से आनलाइन ट्रेडिग पर इन्वेस्टमेंट करके ज्यादा मुनाफा कमाने का प्रलोभन देकर विभिन्न तिथियों में भिन्न-भिन्न खातों में 15 लाख रुपए की ठगी की गयी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ द्वारा इस मामले में अभियुक्तो की शीघ्र पहचान कर अनावरण करने हेतु तकनीकी टीम का गठन कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे। पुलिस टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त विभिन्न बैक खातो एवं मोबाईल नम्बरों की जानकारी लेकर विश्लेषण किया गया। इनके विश्लेषण से इस मामले में मनी-लांड्रिग व चाईनिज कनेक्शन होना प्रकाश में आया, जिस पर कार्यवाही करते हुये 1 अभियुक्त रोहित कुमार को पंजाब के फरीदकोट (पाकिस्तान बार्डर) से, 2 अभियुक्तों को भोपाल म0प्र0 से, 1 अभियुक्त को राउरकेला उड़ीसा से गिरफ्तार किया गया एवं 1 अभियुक्त अश्वनी कुमार को उत्तम नगर दिल्ली से तथा मुम्बई के 1 फिल्म निर्माता की संलिप्तता पाये जाने पर 41 (A) सीआरपीसी का नोटिस तामील कराया गया। विवेचना के क्रम में दिल्ली में स्थित कम्पनियों पर कार्यवाही करते हुए 3 अभियुक्त के विरूद्व न्यायालय से गैर जमानती वांरट प्राप्त करते हुये लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया तथा 3 अभियुक्त को 41 (A) सीआरपीसी का नोटिस तामील कराया गया। इसके अतिरिक्त नेपाली मूल के अन्य अभियुक्त, जो कि दुबई और नेपाल में पैसे भेजने वाले हवाला संचालक का काम कर रहा था, जिसे विगत माह दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। इसी मामले में 10 हजार के इनामी दो वांछित अपराधियों को एसटीएफ उत्तराखण्ड ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
इस पूरी प्रक्रिया में न्यूनतम 1250 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। एक आरोपी को तेलंगाना के कई थानों ने भी वांछित किया था और उत्तराखंड पुलिस का काम दूसरे राज्यों की भी मदद कर रहा है। अभियोग में अभियुक्तों के विरुद्ध कार्यवाही हेतु गठित टीम द्वारा घटना में प्रयुक्त मोबाईल नम्बर, व शिकायतकर्ता से प्राप्त धनराशि की जानकारी प्राप्त की गयी तो प्रकाश में आये कि अभियुक्तो द्वारा स्वंय को जीएलसी प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी मे आनलाईन ट्रेडिंग की बात बताकर फर्जी बेवसाइट के माध्यम से पैसे कमाने का लालच देकर वादी मुकदमा से हुयी धोखाधडी का सम्बन्ध fake Website (Hongkong, Singapore) से पाये जाने पर प्रभावी कार्यवाही करते वांछित अभियुक्त गण के विरुद्ध न्यायालय से NBW जारी कराते हुए लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया।
इस मामले में अब पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तो द्वारा वादी मुकदमा को दिए गए खाते के खाताधारक की जानकारी प्राप्त कर खाताधारक के सम्बन्ध में साक्ष्य एकत्रित करते हुये LOC के माध्यम से अभियोग में वांछित अभियुक्त जितेन्द्र कुमार पुत्र काली प्रशाद शर्मा निवासी S-138/1, दुर्गा मन्दिर गली, स्कूल ब्लॉक, शकरपुर दिल्ली उम्र 36 वर्ष को नई दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार करते हुये 7 मोबाईल फोन, 28 डेबिट कार्ड, 3738/- डॉलर, 3630/- रुपये, पासपोर्ट, आधार, ड्राईविंग लाईसेंस, पैन कार्ड (अभियुक्त का) व लैपटॉप बरामद किया गया।
अपराध का तरीका
अभियुक्तगणों द्वारा फर्जी कम्पनी बनाकर आमजनता को आनलाईन ट्रेडिंग की बात बताकर फर्जी बेवसाइट के माध्यम से पैसे कमाने का लालच देकर आनलाईन धोखाधडी करना व अभियुक्तो व पकडे गये सहअभियुक्त द्वारा भारत के अलग-अलग कोनो मे दर्जनो फर्जी कम्पनी बनायी गयी थी और साईबर अपराधियो द्वारा फिल्मो की स्क्रीनिंग के नाम पर करोडो रुपये क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से भारत से बाहर भेजे गये। अपराध मे प्रयुक्त बैवसाईट डिटेल से प्रतीत होता है कि चह बैवसाइट हांगकांग व सिगांपुर मे बनायी गया थी।
उपरोक्त विवेचना में अब तक कुल 7 अभियुक्तों की गिरफ्तारी, 4 अभियुक्तो को 41 (क) सीआरपीसी का नोटिस तथा 2 अभियुक्त के विरूद्व NBW प्राप्त करते हुये लुक आउट सर्कुलर जारी कराते हुये देश के हवाला आपरेटरो के संगठित गैग के विरूद्व कार्यवाही की गयी है।
पुलिस टीम में निरीक्षक त्रिभुवन रौतेला, उप निरीक्षक राहुल कापड़ी, ASI मनोज बैनीवाल, कांस्टेबल हरेन्द्र भण्डारी शामिल थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ उत्तराखण्ड आयुष अग्रवाल द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अन्जान अवसरो के प्रलोभन में न आयें ।किसी भी प्रकार के ऑनलाईन टिकट को बुक कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन स्थानीय बैंक, सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें। आजकल वर्तमान मे ऐसे बहुत सारे आनलाईन लोन देने वाले एप्प आ गये है जिनको RBI द्वारा अधीकृत नही किया गया है। साईबर अपराधी आम लोगो को ऐसे एप्प डाउनलोड करवाकर डाटा एकत्रित कर ब्लैकमेलिंग का प्रयास करते है ऐसे किसी भी लोन एप्प के बारे मे जानकारी प्रप्त होने पर बैंक के सज्ञान मे जरुर लाये। व तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें। वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें। इसके अतिरिक्त गिरफ्तारी के साथ-साथ साईबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान के अन्तर्गत हैलीसेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है, जिसको वर्तमान समय तक काफी लोगो द्वारा देख कर शेयर किया गया है।