हो जाएं सावधान……..उत्तराखंड में एटीएम क्लोनिंग से ठगे गए 9 लाख रूपए

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राजधानी दून में साइबर क्राइम से पुलिस में हड़कंप मचा हुआ है। पिछले दो ही दिन में साइबर क्राइम से जुड़े 27 मामले सामने आ चुके है। हैरत की बात तो यह है कि जो 27 मामले केवल दो ही दिन में आए हैं वो सभी मामले एटीएम क्लोनिंग  के मामले हैं। हम आपको बता दें कि मात्र नेहरू कॉलोनी से ही अभी तक 21 मामले सामने आ चुके हैं। इन 27 एटीएम क्लोनिंग शिकायतकर्ताओं के एकाउंट से करीब 9 लाख रूपए निकाले जा चुके हैं। जो राजस्थान व जयपुर से निकाले गए है।

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि कल दिन तक एटीएम क्लोनिंग के 21 मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन शाम तक इन मामलों की पहुंच 27 हो चुकी थी। उन्होंने बताया कि इसकी पड़ताल के लिए एसओजी और साइबर थाने की संयुक्त टीम गठित कर दी गई है और जिन्हें जयपुर भेज दिया गया है।

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए कहा कि नेहरू कॉलोनी में पुलिस ने तमाम एटीएमों की पड़ताल की लेकिन कोई भी स्कैनर वहां से प्राप्त नहीं हुआ है। हालांकि उन्होंने बताया कि ज्यादातर एटीएमों से हमें सीसीटीवी कैमरा और कई एटीएमों में सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं मिले।

क्या है एटीएम क्लोनिंग?

जब आप कार्ड एंटर करते हैं तो आपके एटीएम कार्ड को मशीन में पहले से लगा स्कैनर स्कैन कर लेता है यानि वह इमेज उस एडिशनल ट्रैपिंग डिवाइस में सेव हो जाती है, जिसका इस्तेमाल बाद में आपका पैसा निकालने के लिए किया जाता है। मशीन में कार्ड डालने के बाद आप एटीएम पिन डालते हैं, पैसा निकालते समय आपको लगता होगा कि आप अकेले हैं। लेकिन मशीन के ऊपर एक छुपा हुआ कैमरा फिट कर दिया जाता है. ऐसा कैमरा आपके एटीएम पिन की तस्वीर कैप्चर कर लेता है। इसके लिए क्रिमिनल एटीएम मशीन के की बोर्ड के एकदम ऊपर एक कैमरा फिट कर देते हैं जो बैटरी से संचालित होता है। इस ट्रिक से क्रिमिनल के पास आपका एटीएम कार्ड नंबर और पिन समेत सारा डाटा पहुंच जाता है, और वह जब चाहें आपके अकाउंट से पैसा निकाल सकता है।

 कैंसे बचें इस ठगी से?

आप एटीएम से पैसे निकालने जाते हैं। आपके सामने नजर आ रही सामान्य सी दिखने वाली एटीएम मशीन धोखाधड़ी के उपकरणों से लैस हो सकती है। एटीएम मशीन में कार्ड एंटर करने वाली जगह पर साइबर क्रिमिनल एक पोर्टेबल स्कैनर फिक्स कर देते हैं। यह स्कैनर एटीएम मशीन के जैसा ही होता है इसलिए पता ही नहीं चलता कि कार्ड एंटर करने वाली जगह पर कोई स्कैनर लगा है। इसलिए ध्यान रखें कि कार्ड एंटर वाली जगह पर अगर लाइट जल रही है तो सब ठीक है । मामला गड़बड़ है तो एलईडी लाइट बंद रहेगी। समझो वहां स्कैनर लगा हुआ है। ऐसे में कतई ट्रांजेक्शन न करें।

 जैसा कि एसएसपी ने अवगत कराया कि नेहरू कॉलोनी जहां से एटीएम क्लोनिंग सबसे ज्यादा हुई है उससे हमें अभी तक कोई भी स्कैनर नहीं मिला है। लेकिन वहां पर एटीएमों के प्रति लापरवाही जरूर नजर आई है। कहीं ऐसा तो नहीं कि जैसे ही यह मामला ज्यादा बढ़ने लगा तो शातिर ठगों ने पुलिस के पड़ताल करने से ही पहले ही स्कैनर निकाल दिए हों। क्यूंकि ठगों के लिए यह करना बेहद ही आसान था। क्यूंकि एटीएमों पर सुरक्षा व्यवस्था जैसी कोई चीज ही नहीं थी।

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