हेमकुंट साहिब सिखों का सबसे पवित्र धामों में से एक धाम माना गया है। जहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु यात्रा करने आते हैं। केदारनाथ की ही तरह यहां भी हेली सेवा का संचालन किया जाता है । जिसमें हेमकुंट साहिब जाने वाले भक्तों को गोविंद घाट से घनगरिया तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाती है
इस पर बात आज हम आज इसलिए कर रहे हैं क्योकिं मालूम हो कि केदारनाथ में इस हेली सेवा के संचालन के लिए सरकार द्वारा बकायदा दो एलओए निकाले गए, किराया निर्धारित किया गया और फिर डीजीसीए की अनुमति के बाद ऑपरेटरों को उड़ान की अनुमति दी गई। लेकिन गोविन्द नदी के पास बने गोविंद घाट पर प्रशासन अपनी उल्टी ही गंगा बहा रहा है।
दरअसल बिना कोई सूचना के, बिना किसी टेंडर / एलओए के यूकाडा द्वारा एक निजी कंपनी को हेमकुंड साहिब पर हेली सेवा की अनुमति दे दी गई है। पिछली बार भी इसी कंपनी को बिना टेंडर निकाले उड़ान संचालन की अनुमति दी गई थी। बताया जा रहा है कि आज डीजीसीए द्वारा ऑडिट भी किया जा रहा है।
अब सवाल यहां ये उठ रहा कि बिना कोई सूचना निकाले आखिर यूकाडा ने किस नीयत के साथ इस निजी कंपनी को हेमकुंट साहिब में उड़ने की अनुमति दी है। हमारी बात जब हेमकुंट के दूसरे हेलिपैड ओनर से हुई तो उन्होनें बताया कि उन्हें हेली सेवा को लेकर सरकार एवं प्रशासन द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई है। बिना सूचना निकाले किसी निजी कंपनी को हेली सेवा की अनुमति दे देने पर अब यूकाडा पर ही सवाल उठने लगे हैं।
अब सरकार को चाहिए कि वह इस विषय को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करवाए। उम्मीद है कि अगर इसकी जांच हुई तो इस बड़े खेल के पीछे छिपे कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।