मसूरी: प्रदेश भर में स्वास्थ्य सुविधाओं से तो सभी वाकिफ हैं। लेकिन सुविधाओं के नाम पर लोगों को अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है । जिससे एक शहर पूरी तरह से इस परेशानी से जूझ रहा है।
सूबे में कहीं डॉक्टर नहीं हैं तो कहीं अस्पताल। जिसका सामना जनता को ही करना पड़ रहा है। लेकिन शासन और कंपनी की लापरवाही के कारण मसूरी शहर अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया है। यहां कहने को तो पिछले 7 साल से एक सिविल अस्पताल बन रहा है। जिससे उम्मीद थी कि मसूरी और उसके आस-पास क्षेत्र के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा। लेकिन लाभ भी तभी मिलेगा जब यह अस्पताल बन पायेगा।
हालात यह हैं कि अस्पताल पिछले सात सालों से बनता ही आ रहा है। लेकिन इतने साल बाद भी अस्पताल परवान नहीं चढ़ पाया है। सूत्रों के अनुसार बजट के अभाव के कारण अस्पताल का कार्य रोक दिया गया है।
सीएमएस विनोद नौटियाल से जब हैलो उत्तराखंड ने मामले में जानकारी चाही तो उन्होंने बताया कि अस्पताल निर्माण कार्य रूका हुआ है। उन्होंने अवगत कराया कि इस निर्माण कार्य को 2013 तक पूरा हो जाना चाहिए था ।लेकिन निर्माणदाई संस्था की लापरवाही और बजट के अभाव का खामियाजा स्थानीय जनता को झेलना पड़ रहा है। उनका कहना है कि शहर में स्थित सैंट मैरी अस्पताल में जहां एक रूम में 4 मरीजों का इलाज होना था वहीं 20 से भी ज्यादा मरीजों का इलाज करना पड़ रहा है। वहीं देखा जाए तो अस्पताल के अभाव के कारण 200 गांवों के लोग प्रभावित हैं । जिनको समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है और असुविधाओं को देखते हुए यह शहर मात्र रैफर सैंटर बन गया है।
वहीं मेयर मनमोहन सिंह मल्ल ने हैलो उत्तराखंड से बात करते हुए कहा कि यूपी निर्माण निगम कार्यदाई संस्था की लापरवाही के कारण अस्पताल इतने सालों से बन ही नहीं पाया है। उनका कहना है कि पिछले इन सात सालों में हर बार बजट न होने का हवाला देते हुए काम धीमी गति से चल रहा है। मेयर का कहना है कि यह हमारा दुर्भाग्य रहा है कि इतने सालों में सरकार से एक अस्पताल नहीं बन पाया है।
आपको बता दें कि कंपनी का बजट समय के अनुसार और भी बढ़ता जा रहा है जिस कारण कंपनी का खर्चा करोड़ों में पहुंच चुका है। फिलहाल कार्यदाई संस्था के जीएम विनय शाह का कहना है कि अभी सरकार ने केवल 50 लाख रूपए निर्माण के लिए दिए है। लेकिन यदि सरकार पहले ही बजट समय-समय पर दे देती तो निर्माण कार्य निर्धारित समय पर ही हो जाता, हालाँकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अस्पताल का निर्माण कितने बजट में पारित हुआ और कितना अभी और बजट इस पर लगेगा।
उत्तराखंड वित्त मंत्री प्रकाश पन्त ने बताया कि सीएम ने जल्द ही बजट पारित कर अस्पताल को पूर्ण रूप देने को कहा है जिसके लिए अब बजट जल्द ही पारित कर दिया जाएगा।
भले ही सीएम त्रिवेंद्र रावत ने जल्द ही अस्पताल का निर्माण कार्य पूर्ण करवाने और बजट को जारी करने का आश्वासन दिया है। लेकिन अब देखना होगा कि सीएम त्रिवेंद्र का दिया गया यह बयान पटरी पर नजर आता है या फिर पूर्व सीएम के जारी बयान की ही तरह यह बयान भी केवल हवा-हवाई सिद्ध होगा?