अहमदाबाद: बुधवार को गुजरात के विसनगर सेशंस कोर्ट ने तोड़फोड़ के मामले में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। यह मामला साल 2015 का है, जब पाटीदार अनामत समिति की रैली के दौरान एक बीजेपी विधायक के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई थी।
विसनगर सेशंस कोर्ट के जज वीपी अग्रवाल ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल, सरदार पटेल ग्रुप (एसपीजी) के संयोजक लालजी पटेल और पांच अन्य के खिलाफ वारंट जारी किया है।
वहीँ इस मामले में हार्दिक पटेल का कहना है कि अगर पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने आती है तो वह सरेंडर करने के लिए तैयार हैं, लेकिन अपने समाज के हक के लिए वह जो लड़ाई लड़ रहे हैं, उसे वे जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि राजनीतिक सरगर्मियों के बीच हार्दिक पटेल की चर्चाएँ होने लगी हैं। इससे पहले राहुल गांधी से उनकी मुलाकात को लेकर भी काफी चर्चा रही और उनके खिलाफ वारंट जारी होने से एक बार फिर वो चर्चाओं में आ गए हैं।
साथ ही यह भी चर्चा रही कि हार्दिक इससे पहले गुजरात में कांग्रेस पार्टी महासचिव अशोक गहलोत से मिले थे। उन्होंने उन्हें कांग्रेस का ‘एजेंट’ कहने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर प्रहार किया। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा, ‘जो यह कहते हैं कि मैं कांग्रेस का एजेंट हूं, वे वास्तव में भाजपा के एजेंट हैं। भाजपा के नेता क्या कहते हैं, मैं इस पर ध्यान नहीं देता।