रविवार को काग्रेंस भवन में पूर्व सीएम ने मिडिया से बात करते हुए मौजूदा सरकार पर प्रश्न चिहन तो लगाए ही, इसी के साथ कहा कि डबल इंजन की रफतार तो अभी तक कहीं भी दिखाई नही दे रही है। रावत ने इन मुद्दों पर सख्त प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो को निगमों में शामिल करने की जो कवायत चल रही है उसको लेकर ग्रामीणों में बड़ी नाराजगी है। जो पहले ग्रामीण क्षेत्र निगम में शामिल किए गए हैं वंहा पर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। उन्होनें सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि अर्बन के तर्ज पर गांवों का विकास करें।
शराब, खनन और खाद्यान को लेकर भी उन्होने सवाल खडे किए। उन्होने कहा कि राज्य सरकार ने एक ही महिने में दो बार बिजली और पानी के दामों में भी बढोत्तरी की है।
उनका यह भी कहना था कि चार धाम यात्रा में कोई दिन ऐसा नही जा रहा है जब कोई मौत नही हो रही है, साथ ही साथ हवाई सेवाओं में धाधंली भी चल रही है।
पेंशन के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि एक परिवार में अगर दो लोग पेंशन वाले हैं तो अब एक व्यक्ति की पेंशन सरकार समाप्त कर रही है। 65 वर्ष से ऊपर के लोगो को काग्रेंस सरकार ने निशुल्क यात्रा कराने की पॅालिसी बनाई थी, पर इस पॅालिसी को मौजूदा सरकार आधा चार्ज करने जा रही है। उन्होने यह भी कहा कि वॉटर प्रॉब्लम से जूझने वाला हमारा राज्य है और ये सरकार टॉयलेट पर फोकस कर रही है।
उन्होने यह भी स्पष्ट किया है कि काग्रेंस ने मुख्यमंत्री के मूल्यांकन के लिए एक वर्ष का समय रखा है।
एनएच 74 घोटाले में उन्होने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पैसों का भुगतान करने वालों को बाहर किया जा रहा है तो जांच किस बात की हो रही है। एसआईटी की जांच में एनएच के अधिकारियो की भागीदारी पायी गयी थी। जीरो टॉलरेंस के मामले को लेकर हम जनता के बीच जाएंगे।
लोकायुक्त के मामले में उन्होने इल्जाम लगाते हुए कहा कि खंडूरी और बहुगुणा के लोकायुक्त पॅालिसी में कोई अंतर नही था क्योंकि लोकायुक्त में मुख्यमंत्री को दायरे में लाया गया था और फिर बड़ी चालाकी से निकाल भी दिया गया।
गैरसैंण पर बोलते हुए उन्होने कहा कि विधानसभा सत्र न करना गैरसैण और विधानसभा दोनों के लिए ही अपमान है। विधानसभा सत्र के पहले दिन हम विधानसभा के सामने गैरसैंण के अपमान को लेकर 1 घंटे सांकेतिक धरने पर बैठेंगे। सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होने मौजूदा सरकार को किसान विरोधी बताते हुए, गन्ने का भुगतान ना करने का इल्जाम लगाया, जो लगभग 400 करोड रूपये बकाया है।
अब देखना होगा कि मौजूदा सरकार हरीश रावत के इन इल्जामों का किस प्रकार जबाब देती है, यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।