देहरादून: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि इन दो-तीन वर्षों के दौरान भवन निर्माण एवं कर्मकार कल्याण बोर्ड में अध्यक्ष हरक सिंह रावत एवं सचिव दमयंती रावत (हरक-दमयंती) की जुगलबंदी ने सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाने का काम किया है तथा इसके साथ साथ श्रमिकों को भी छलने का काम किया है।
नेगी ने कहा कि इनके कार्यकाल के दौरान 70- 80 करोड रुपए से अधिक मूल्य की साइकिलें, सिलाई मशीन, सोलर लालटेन, टूलकिट्स, छाते आदि खरीदे गए। उक्त खरीदे गए सामान की गुणवत्ता इतनी घटिया थी कि श्रमिकों ने उसको इस्तेमाल करने के बजाय मुफ्त का माल समझकर ओने- पौने दामों में बाजार में नीलाम कर दिया। इसके साथ-साथ खरीद एवं वितरण में भी भारी धांधली की गई। करोड़ों रुपए का उक्त वर्णित सामान किस वाहन से आया, इसका कोई अता पता विभाग के पास नहीं है यानी सब हवा-हवाई है।
नेगी ने कहा कि स्किल (प्रशिक्षण) करने के नाम पर करोड़ों रुपए की बंदरबांट की गई तथा इन्होंने अपनी तथा अपनी खास कई एनजीओ को भी भारी भरकम लाभ पहुंचाया। विगत कई महीनों से इनके भ्रष्टाचार को लेकर मोर्चा मुखर था तथा अभी दो-तीन दिन पहले ही सरकार द्वारा बोर्ड के अध्यक्ष एवं सचिव को बाहर का रास्ता दिखाया गया, जोकि सराहनीय कदम है।
नेगी ने कहा कि इनके द्वारा सहसपुर स्थित अपने दून मेडिकल एवं साइंस को हॉस्पिटल्स की सूची में इम्पैनल कर लाभ पहुंचाया गया। मोर्चा सरकार से मांग करता है कि इनके कार्यकाल में की गई खरीद- वितरण, एनजीओ को लाभ पहुंचाने एवं स्किल करने के नाम पर हुए महा घोटालों की सरकार सीबीआई जांच कराए।