उत्तराखंड की राजनीति में पिछले एक महीने से एनएच– 74 घोटाला छाया हुआ है।
पिछले एक महीने से इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार सरकार पर हमले किये जा रहे हैं। इस मुद्दे की एक बार फिर से याद इसलिए दिला रहे हैं क्योकिं इस एनएच – 74 की जड़ को खोजकर निकालने वाले कुमांऊ कमिश्नर डी सेंथिल पांडियन को पद से हटा दिया गया है। अब परिवहन विभाग की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। हालांकि इसी के साथ 30 और अफसरों के तबादले किये गये हैं। लेकिन डी सेंथिल पांडियन के तबादले को सियासी नफे- नुकसान में तोला जा रहा है।
पांडियन को पद से हटाने को एनएच- 74 घोटाला खोलने की सजा के तौर पर भी देखा जा रहा है।
बता दें कि डी सेंथिल पांडियन की जगह चंद्रशेखर भट्ट को कुमांऊ मंडल कमिश्नर बनाया गया है। अब डी सेंथिल पांडियन के परिवहन विभाग में आ जाने के बाद माना जा रहा है कि परिवहन के भी कई गड़े मुर्दे निकल सकते हैं।
मालूम होना चाहिए कि एनएच –74 घोटाले के समय यशपाल आर्य राजस्व मंत्री थे और वर्तमान सरकार में परिवहन विभाग भी उन्हीं के पास है। जिसके बाद अब ये कयास तेज हो गये है कि क्या जानबूझकर पांडियन को परिवहन विभाग दिया गया है।