नैनीताल: न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकलपीठ ने सुभारती विश्वविद्यालय एक्ट 2016 को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
मामले के अनुसार श्रीश्री 1008 नारायण स्वामी चैरिटेबल ट्रस्ट प्रतिनिधि मनीष वर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि वे रामबिहारी बोस सुभारती विवि अधिनियम 2016 को अवैधानिक घोषित करे।
याचिकाकर्ता का कहना था कि डॉ.जगत नारायण सुभारती चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से सुभारती मेडिकल समेत कई संस्थाएं एक ही परिसर में संचालित की जा रही हैं। आरोप है कि ट्रस्ट की ओर से जमीन की खरीद आदि में भी नियमों का पालन नहीं किया गया। ट्रस्ट की ओर से उनके साथ किए गए करार का भी अनुपालन नहीं किया जा रहा है। उन्हें कई छात्रों को विभिन्न मदों में धनराशि की वापसी करनी है, लेकिन ट्रस्ट से अनुबंध के बावजूद उन्हें धनराशि नहीं मिल रही है। ऐसे में वह छात्रों को धनराशि कैसे दें।
ट्रस्ट व सरकार का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता ने कहा कि एक्ट बनाने में किसी भी प्रकार से संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन नहीं हुआ है। सरकार ने निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए एक्ट बनाया है। इस एक्ट से याची के अधिकारों का भी कहीं कोई उल्लंघन नहीं हो रहा है। पक्षों की सुनवाई के बाद याचिका को खारिज कर दिया।