उज्जैन: मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में आज नए नियम के तहत पूजा की गई। ज्योतिर्लिंग पर कपड़ा लगा कर ही आरती की गई। इसके अलावा जलाभिषेक के लिए भी आरओ वाटर का इस्तेमाल ही किया गया।
बता दें कि कल ही सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में स्थित श्विलिंग में हो रहे क्षरण को देखते हुए मंदिर प्रशासन को आठ सुझावों पर अमल करने के लिए हरी झंडी दी थी। जिसमें पहला सुझाव यह है कि श्रद्धालु शिवलिंग पर 500 मिली. से अधिक जल नहीं चढ़ा सकेंगें। दूसरा शिवलिंग पर सिर्फ आरओ का पानी ही चढ़ाया जाएगा। तीसरा भस्म आरती के दौरान शिवलिंग को सूखे सूती कपड़े से पूरी तरह ढ़का जाएगा। चौथा शिवलिंग पर चीनी पाउडर लगाने की इजाजत नहीं होगी। पांचवा नमी से बचाने के लिए ड्रायर व पंखे लगाए जायेंगे। छठा हर श्रद्धालु को तय मात्रा में ही दूध चढ़ाने की अनुमति दी जायेगी। सातवां शाम पांच बजे अभिषेक पूरा होने के बाद शिवलिंग की पूरी सफाई होगी। वहीं आठवां सुझाव यह है कि सीवर के लिए चल रही तकनीक अभी चलती रहे, जब तक सीवर ट्रीटमेंट प्लांट बने।
दरअसल, महाकाल शिवलिंग के क्षरण (छोटा होना) को देखते हुए कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पुरातत्व विभाग, भूवैज्ञानिक और अन्य विशेषज्ञों की टीम को जांच करने का निर्देश दिया था। विशेषज्ञों की टीम ने सुप्रीम कोर्ट को कुछ सुझाव सौंपे थे जिसे कोर्ट ने हरी झंडी दे दी। अब महाकाल पर सिर्फ आरओ का जल ही चढ़ाया जाएगा साथ ही साथ अभिषेक की मात्रा भी तय की जाएगी।
यह निर्देश कल सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच में न्यायधीश अरुण मिश्रा और न्यायधीश एल नागेश्वर राव ने सुनाया है।